जशपुर (अमित सोनी ) कस्तूरा में रियासतकालीन परंपरा के अनुरूप मनी रथयात्रा, राजपरिवार के सदस्य हुए शामिल, राजपुरोहितों ने पढ़े मंत्र, दर्शन के लिए दूर-दूर से पहुंचे लोग
सोमवार को नेत्रोत्सव के बाद मंगलवार को जगत के पालनहार भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ रथ पर सवार होकर मौसी के घर के लिए निकले। जशपुर के जनदीक ग्राम कस्तूरा में भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचने के लिए श्रद्धालुओं के बीच होड़ मची रही। रथयात्रा के अवसर पर ग्राम कस्तूरा में हजारों की भीड़ जुटी थी। भगवान की विशेष पूजा व उनके शृंगार में राजपरिवार के सदस्य व राजपुरोहित शामिल हुए। दोल व नगाड़ों की थाप पर भगवान के रथ को भक्त खींचते हुए
मौसीबाड़ी तक लेकर गए। राजपुरोहितों ने भगवान जगन्नाथ के मंदिर
में जगन्नाथ महाप्रभु, सुभद्रा और बलभद्र का दुग्ध व गंगाजल से पवित्र स्नान कराने के बाद उनका सोलह श्रृंगार किया। इसके बाद भगवान की विधि-विधान से पूजा के बाद शाम करीब 3 बजे भगवान को रथारूढ़ किया गया। रथ पर सवार भगवान जगन्नाथ का लोगों ने दर्शन किया। रथ पर भगवान की आरती उतारी गई। इस पूजा में राजपरिवार से सदस्य शामिल हुए। रथयात्रा में जुटने वाली भीड़ को देखते हुए पुलिस प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मंदिर के पास वाहन पार्किंग के लिए भी जगह बनाई गई थी। लोरो चौक में ट्रैफिक पुलिस के जवानों को तैनात कर कस्तूरा जाने वाली सड़क पर भारी वाहनों की आवाजाही रोक दी गई थी।
कस्तूरा में रथ को खींचती श्रद्धालुओं की जुटी भीड़ यहां परंपरा के अनुसार रथयात्रा निकाली गई।