साल 2014 में आज ही के दिन यानी 11 मार्च को नक्सलियों के हमले ने पूरे छत्तीसगढ़ को दहला दिया था। यह वो काला दिन था जिस दिन देश के 14 सुरक्षाकर्मी शहीद हो गए थे। बता दें कि 11 मार्च 2014 को जब सुरक्षाबल की एक टुकड़ी इलाके में गश्त कर रही थी, उस दौरान घात लगाए नक्सलियों ने दुर्दांत हमला किया। हालांकि ये पहली बार नहीं था जब नक्सलियों ने सुरक्षबलों पर हमला किया हो।
2010 के हमले में 76 जवान हुए थे शहीद
इससे पहले भी नक्सलियों ने कई बार सुरक्षाबलों पर घातक हमले किए थे। इनमें से एक छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ था, जो 2010 में हुआ था। माडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2010 में हुए उस हमले में 76 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद 25 मई 2013 जीरम घाटी हमला हुआ था। उस हमले में नक्सलियों ने एक परिवर्तन यात्रा पर हमला कर दिया था जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं सहित 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। जिसके बाद एक बार फिर 11 मार्च 2014 को जीरम घाटी पर हमला हुआ था जिसमें 14 जवान शहीद हो गए थे।
क्या है नक्सलवाद
नक्सलवाद एक उग्रवादी संगठन है जो ग्रामीण क्षेत्रों में माओवादी विचारधारा के आधार पर काम करता है। नक्सलवाद शब्द की उत्पत्ति पश्चिम बंगाल के नक्सलवाड़ी गाँव से हुई थी। भारतीय कम्यूनिस्ट पार्टी के नेता चारु माजूमदार और कानू सान्याल ने 1967 में सत्ता के खिलाफ एक सशस्त्र आंदोलन शुरु किया। माजूमदार चीन के कम्यूनिस्ट नेता माओत्से तुंग के बड़े प्रशसंक थे। इसी वजह से नक्सलवाद को ‘माओवाद’ भी कहा जाता है।
किन इलाकों मे फैला है नक्सलवाद
जिस हिस्से में नक्सलवाद फैला हुआ है उस एरिया को लाल गलियारे या रेड कॉरिडोर के नाम से समझा जाता है। नक्सलवाद से साउथ के कुछ इलाके, छत्तीसगढ़, झारखंड, मुख्यत: प्रभावित हैं।
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