नई दिल्ली: चुनावी बॉन्ड की जानकारी देने के मामले में SBI की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। बता दें कि SBI ने जानकारी देने के लिए 30 जून तक का समय मांगा है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट के पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की उस अर्जी पर आज सुनवाई करेगी, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा नकदी में परिवर्तित किये गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए समय सीमा 30 जून तक बढ़ाने का अनुरोध किया गया है। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ एक अलग याचिका पर भी सुनवाई करेगी, जिसमें एसबीआई के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसबीआई ने चुनावी बॉन्ड के जरिये राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विवरण निर्वाचन आयोग को छह मार्च तक सौंपे जाने संबंधी शीर्ष अदालत के निर्देश की ‘‘जानबूझकर’’ अवज्ञा की।
कोर्ट ने रद्द कर दी थी योजना
सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसले में, चुनावी बॉन्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। योजना को तुरंत बंद करने का आदेश देते हुए, कोर्ट ने योजना के तहत अधिकृत बैंक एसबीआई को 12 अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बॉन्ड का विवरण 6 मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था। साथ ही, आयोग को अपनी वेबसाइट पर 13 मार्च तक यह जानकारी प्रकाशित करने को कहा था। एसबीआई ने 4 मार्च को, राजनीतिक दलों द्वारा भुनाये गए चुनावी बॉन्ड के विवरण का खुलासा करने के लिए 30 जून तक समय बढ़ाने की मांग करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था।
एसबीआई ने दी दलील
अपनी अर्जी में, एसबीआई ने दलील दी है कि प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगेगा। अर्जी में कहा गया है कि चुनावी बॉन्ड को ‘डीकोड’ (कूट रहित) करना और चंदे का मिलान इसे देने वालों से करना एक जटिल प्रक्रिया होगी। अर्जी में दलील दी गयी है, ‘‘बॉंन्ड जारी करने से जुड़े आंकड़े और बॉन्ड को नकदी में परिवर्तित करने से संबद्ध आंकड़े दो अलग-अलग स्थानों पर हैं। यह चंदा देने वालों की गोपनीयता को सुरक्षित रखने के लिए किया गया था।’’ अर्जी में कहा गया है, ‘‘चंदा देने वालों का विवरण (बैंक की) निर्दिष्ट शाखाओं में सीलबंद लिफाफों में रखा गया है और ये सीलबंद लिफाफे अर्जी दायर करने वाले बैंक की मुख्य शाखा में जमा किये गए हैं, जो मुंबई में है।’’
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