हरियाणा में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले नायाब प्रयोग करके सभी को चौंका दिया है। बीजेपी ने हरियाणा में साढ़े 9 साल से सीएम मनोहर लाल खट्टर को हटाकर नायब सिंह सैनी को कमान सौंप दी है। आज सीएम नायब सिंह सैनी विधानसभा में अपना बहुमत साबित करेंगे इसके लिए हरियाणा विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाया गया है। सीएम नायब सिंह सैनी ने राज्यपाल को 48 विधायकों का समर्थन पत्र सौंपा है। लेकिन हरियाणा में सीएम बदलने से पूर्व गृहमंत्री अनिल विज नाराज हो गए हैं। वह पहले बीजेपी की मीटिंग बीच में छोड़कर चले गए और फिर शपथ समारोह में भी नहीं पहुंचे। वहीं, सरकार से अलग होने के बाद आज दुष्यंत चौटाला कोई बड़ा ऐलान कर सकते हैं।
हरियाणा विधानसभा में अगर संख्या बल की बात करें तो इस वक्त विधानसभा में-
- बीजेपी के पास सबसे ज्यादा 41 विधायक हैं।
- कांग्रेस के पास 30, जेजेपी के पास 10 विधायक है।
- INLD का एक और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक विधायक है।
- इसके साथ ही विधानसभा में 7 निर्दलीय विधायक भी हैं।
जेजेपी के सरकार से अलग होने के बाद भी बहुमत का आकंड़ा बीजेपी के फेवर में ही है। नायब सिंह सैनी को विधानसभा में 48 विधायकों का समर्थन है इनमें बीजेपी के 41, हरियाणा लोकहित पार्टी का एक विधायक और 6 निर्दलीय शामिल हैं। वहीं बीजेपी को उम्मीद है कि उसका ये आंकड़ा होने वाले फ्लोर टेस्ट में और बढ़ सकता है क्योंकि मंगलवार को नायब सिंह सैनी के शपथ समारोह में जेजेपी के विधायक देवेंद्र सिंह बबली, जोगी राम सिहाग और ईश्वर सिंह भी राजभवन में मौजूद थे। ये तीन विधायक वही हैं, जो आज सुबह दुष्यंत चौटाला की मीटिंग में भी नहीं पहुंचे थे। इनके अलावा, JJP के दो और विधायक रामनिवास और रामकुमार गौतम भी दिल्ली में JJP की बैठक में शामिल नहीं हुए थे।
पहले 4 कुर्सी, बाद में 3 कुर्सी
नायब सिंह सैनी के शपथ समारोह में जेजेपी के 3 विधायक भले ही मौजूद रहे हों लेकिन खट्टर सरकार में गृहमंत्री अनिल विज सीएम बदलने से नाराज हैं। पहले चंडीगढ़ में पार्टी की मीटिंग अचानक बीच में छोड़कर निकल गए। उनकी नाराजगी इतनी बढ़ी कि वो नायब सिंह सैनी के शपथ समारोह में भी नहीं पहुंचे। सूत्रों की मानें तो शपथ समारोह में मंच पर चार कुर्सियां लगाई गई थीं। ये चार कुर्सियां गवर्नर, मुख्यमंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री के अलावा अनिल विज के लिए लगाई गई थीं लेकिन जब विज नहीं पहुंचे तो एक कुर्सी हटा ली गई।
हरियाणा में बीजेपी ने सीएम बदलकर एक तीर से दो निशाने साधे हैं-
- पहला- एंटी इंकम्बेंसी की हवा को कंट्रोल करना।
- दूसरा- हरियाणा के जाट वोटर को बांटना।
आगे की रणनीति का खुलासा कर सकते हैं दुष्यंत चौटाला
दुष्यंत चौटाला के सरकार से अलग होने बाद अब हरियाणा में जाति के नए सियासी समीकरण बनते दिख रहे हैं। दुष्यंत चौटाला ने लोकसभा चुनाव में सीटों के लिए बीजेपी के साथ अलायंस तोड़ा है वहीं आज जेजेपी की हिसार में नव संकल्प रैली होने जा रही है। ये रैली अजय चौटाला के 63वें जन्मदिन के मौके पर हो रही है। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि आज दुष्यंत चौटाला अपनी आगे की रणनीति का खुलासा कर सकते हैं।
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