मुंबई: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने CAA को देश में लागू कर दिया है। इसके बाद से ही देश के कई हिस्सों मुस्लिम विद्वानों व नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया है। आज टीएमसी के नेता ने सीएए के मुद्दे पर एक विवादित बयान दिया है। टीएमसी नेता माजिद मेमन ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा,”क्या आप एक हिंदू टेरेरिस्ट को ले लेंगे और एक पवित्र मुस्लिम धर्मगुरू को नहीं लेंगे यह कैसा कानून है। अभी आप अधनंगे, बेछत, बेरोजगार भारतीयों को संभाल नहीं पा रहे हो, ऐसे में अपने सिर पर और बोझ क्यों ले रहे हो?”
इसे पहले क्यों लागू नहीं किया गया?
महाराष्ट्र टीएमसी के वर्किंग कमेटी सदस्य माजिद मेमन ने आगे कहा कि 4 साल तक सरकार क्यों सोई रही, क्यों इसे पहले लागू नहीं किया गया। कोविड का 1 साल हम मान सकते है लेकिन उसके बाद भी तो हजार काम हुए फिर क्यों इसे पहले लागू क्यों नहीं किया गया। यह सच है कि इस कानून से भारत के मुसलमान के नागरिक पर कोई असर नहीं पड़ेगा लेकिन देश पर क्या असर पड़ेगा इसे देखना जरूरी है। 142 करोड़ की आबादी है। जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं कर पा रहे हैं ऐसे में यह जो लाखों लोग आएंगे उनको कहां रखा जाएगा, जेल में भी जगह नहीं है।
मुसलमान अगर आना चाहता है तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है?
टीएमसी नेता मेमन ने कहा कि विभाजन 75 साल पहले हुआ था, चार पीढ़ियां गुजर चुकी है। कई ऐसे मुसलमान हिंदुस्तान में है जिनके पुरखे आज भी वहां जिंदा है। मुसलमान अगर आना चाहता है तो उन्हें क्यों रोका जा रहा है, क्या सभी मुसलमान आतंकवादी है? मुसलमान को अलग रखकर जो आपने यह कानून बनाया गया है यह संविधान के खिलाफ है।
इसके बाद मेमन ने कहा, “क्या एक हिंदू टेरेरिस्ट को आप ले लेंगे और एक पवित्र मुस्लिम धर्मगुरू को नहीं लेंगे यह कैसा कानून है,ह्यूमन वैल्यू के हिसाब से आप कोई काम करना चाहते हैं तो उसमें कोई भेदभाव नहीं होना चाहिए”
काउंटर सवाल करने पर दी सफाई
फिर जब हमने हिंदू आतंकवादी शब्द पर काउंटर सवाल पूछा तब माजिद संभल गए और सफाई देने लगे कि मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आप हिंदू टेरेरिस्ट को ले रहे हैं, मैं मिसाल दे रहा हूं कि एक पवित्र मुस्लिम लीडर या पवित्र मुस्लिम आदमी और हिंदू डिशऑनेस्ट आदमी के बीच आप हिंदू डिसऑनेस्ट मैन को चुनेंगे मुसलमान और सिख, इनकी बात कर रहा हूं।
देशवासियों को कहा- अधनंगे, बेछत के बेरोजगार
मेमन ने कहा, “मुसलमान के लिए आपने दरवाजा बंद कर दिया है, देश में 80 फ़ीसदी हिंदू है और उनको बुलाकर वह 90 फ़ीसदी हो जाए और आप उसका लाभ ले सके, क्या यही बीजेपी चाहती है? अभी आप अधनंगे, बेछत के बेरोजगार भारतीयों को संभाल नहीं पा रहे हो, ऐसे में अपने सिर पर और बोझ क्यों ले रहे हो?
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