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लोकसभा चुनाव 2024 | लुम्बाराम चौधरी Vs वैभव गहलोत: किसान और पूर्व CM के बेटे में है टक्कर

प्रिंस सिन्हा संपादक

Jalore Lok Sabha Seat, Lumbaram Choudhary, Vaibhav Gehlot- India TV Hindi

Image Source : INDIA TV
बीजेपी प्रत्याशी लुम्बाराम चौधरी और कांग्रेस उम्मीदवार वैभव गहलोत।

चुनाव आयोग शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने वाला है। इसका मतलब है कि देश में अगले कुछ हफ्ते सियासी गतिविधियां पूरे उफान पर होंगी। जनता भी अपने-अपने नुमाइंदे संसद में भेजने के लिए तैयार है और राजनीतिक दल प्रत्याशियों का ऐलान करने लगे हैं। इन्हीं प्रत्याशियों में से राजस्थान की जालोर लोकसभा सीट पर 2 प्रत्याशी ऐसे हैं जिनपर पूरे देश की नजरें हैं। बीजेपी ने इस बार जालोर सीट से नए चेहरे पर दांव खेला है और 3 बार के सांसद देवजी पटेल का टिकट काटा गया है। पार्टी ने इनकी जगह पर सिरोही जिले के वाडेली निवासी किसान लुम्बाराम चौधरी को टिकट दिया गया है। वहीं, कांग्रेस की तरफ से पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को मैदान में उतारा गया है।

खेती के गुर सीखने इजरायल भी जा चुके हैं लुम्बाराम

लुम्बाराम चौधरी शुरू से ही बीजेपी के सक्रिय कार्यकर्ता रहे हैं। वह सिरोही पंचायत समिति के एक बार प्रधान, जिला परिषद सदस्य और दो बार सिरोही बीजेपी के जिलाध्यक्ष रह चुके हैं। लुम्बाराम ने 2023 के विधानसभा चुनाव में सिरोही से टिकट की मांग की थी, लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया। बीजेपी ने अब लुम्बाराम को जालोर की लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाकर उन्हें बड़ा सरप्राइज दिया है। बता दें कि राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार में राज्य के किसानों को बूंद-बूंद और फव्वारा पद्धति से खेती के गुर सीखने के लिए इजरायल भेजा गया था, जिनमें लुम्बाराम चौधरी भी थे। अब बीजेपी ने उन्हें सिरोही सीट से मैदान में उतारकर बड़ा दांव खेला है।

शेखावत के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं वैभव गहलोत

वैभव गहलोत सियासत की दुनिया में नए नहीं हैं। उन्होंने पिछले लोकसभा चुनावों में जोधपुर की सीट से मौजूदा केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत के खिलाफ ताल ठोकी थी, लेकिन 2.5 लाख से भी ज्यादा मतों के अंतर से हार गए थे। 2019 के चुनावों में जहां गजेंद्र सिंह शेखावत को 7,88,888 वोट मिले थे वहीं वैभव गहलोत पर 5,14,448 मतदाताओं ने भरोसा जताया था। वैभव के लिए यह हार इसलिए भी बड़ी थी क्योंकि इस सीट से उनके पिता अशोक गहलोत 5 बार सांसद रह चुके हैं और तीन बार तो वह लोकसभा के लिए लगातार चुने गए थे। कांग्रेस को उम्मीद होगी कि जालोर की सीट से वैभव अपने पिता की तरह ही सियासी ‘जादू’ दिखाने में कामयाब होंगे और बीजेपी के इस गढ़ पर पार्टी का परचम लहराएंगे।

जालोर की सीट पर शानदार रहा है बीजेपी का प्रदर्शन

बीजेपी जालोर की सीट पिछले 4 लोकसभा चुनावों से लगातार जीतती आई है। यहां से 2004 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार सुशीला बंगारू ने जीत दर्ज की थी। 2009 में बीजेपी ने युवा नेता देवजी पटेल को टिकट दिया था और न सिर्फ उन्होंने 2009 में चुनाव जीता था, बल्कि 2014 और 2019 में भी पार्टी का परचम लहराया था। पार्टी ने बीते विधानसभा चुनावों में पटेल को सांचौर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार बनाया था, लेकिन वह हार गए। यही वजह है कि पार्टी ने इस बार लुम्बाराम चौधरी पर विश्वास जताया है। वहीं, कांग्रेस को उम्मीद है कि वैभव गहलोत बीजेपी के इस गढ़ को ध्वस्त करके देश की सबसे पुरानी सियासी पार्टी का परचम लहराएंगे।

2024 में बीजेपी और कांग्रेस में हो सकती है कड़ी टक्कर

भारतीय जनता पार्टी ने 2009 में सिर्फ 32 साल के देवजी पटेल को मैदान में उतारा था और वह लगातार जीतते आ रहे थे। पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों में अगर उनकी हार नहीं हुई होती तो शायद बीजेपी 2024 में भी उन्हें मौका देती। अब जालोर के गढ़ पर बीजेपी का ध्वज लहराने की जिम्मेदारी अनुभवी नेता लुम्बाराम को सौंपी गई है, और वह पार्टी के भरोसे पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करेंगे। वहीं दूसरी तरफ पू्र्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव युवा हैं और वह इस सीट को जीतने के लिए पूरा जोर लगा देंगे। ऐसे में जालोर की सीट पर दशकों के सियासी अनुभव और युवा जोश का दिलचस्प मुकाबला देखने को मिल सकता है।

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