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Air Traffic: फरवरी में घरेलू हवाई पैसेंजर्स में उछाल, डीजीसीए ने बताया टोटल कितनों ने किया सफर

प्रिंस सिन्हा संपादक

फरवरी में फ्लाइट में देरी के चलते 1,55,387 यात्री प्रभावित हुए।- India TV Paisa

Photo:REUTERS फरवरी में फ्लाइट में देरी के चलते 1,55,387 यात्री प्रभावित हुए।

देश में हवाई यात्रा करने वालों की तादाद लगातार बढ़ रही है। लेटेस्ट आंकडों में सामने आया है कि फरवरी में घरेलू हवाई यातायात सालाना आधार पर 4.8 प्रतिशत बढ़कर 126.48 लाख यात्री हो गया है। इस दौरान फ्लाइट में देरी से 1.55 लाख से ज्यादा पैसेंजर प्रभावित हुए। नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) की तरफ से शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, फरवरी में एयर इंडिया की बाजार हिस्सेदारी 12.2 प्रतिशत से बढ़कर 12.8 प्रतिशत हो गई, जबकि इंडिगो की बाजार हिस्सेदारी जनवरी में 60.2 प्रतिशत से मामूली गिरावट के साथ 60.1 प्रतिशत रह गई।

घरेलू एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या

खबर के मुताबिक, नागर विमानन महानिदेशालय ने कहा कि घरेलू हवाई यातायात फरवरी में बढ़कर 126.48 लाख यात्री हो गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह 120.69 लाख यात्री था। हालांकि, जनवरी में ट्रैफ़िक 1.31 करोड़ से कम दर्ज किया गया था। डीजीसीए ने कहा कि जनवरी-फरवरी, 2024 के दौरान घरेलू एयरलाइंस से यात्रा करने वाले यात्रियों की संख्या 257.78 लाख थी, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि के दौरान यह संख्या 246.11 लाख थी, जिससे 4.74 प्रतिशत की सालाना ग्रोथ और 4.80 प्रतिशत की मासिक वृद्धि दर्ज की गई।

फ्लाइट में देरी के चलते 1,55,387 यात्री प्रभावित

फरवरी में फ्लाइट में देरी के चलते 1,55,387 यात्री प्रभावित हुए और शिड्यूल एयरलाइंस ने सुविधा के लिए 222.11 लाख रुपये खर्च किए। डीजीसीए ने कहा कि कैंसिलेशन से 29,143 यात्री प्रभावित हुए और एयरलाइंस ने मुआवजे और सुविधाओं पर 99.96 लाख रुपये खर्च किए। पिछले महीने, कैंसिलेशन के चलते कुल 917 यात्री प्रभावित हुए थे और इस संबंध में मुआवजे और सुविधाओं के लिए एयरलाइंस द्वारा खर्च की गई राशि 78.19 लाख रुपये थी।

इतनी मिलीं शिकायतें

फरवरी में निर्धारित घरेलू एयरलाइनों को कुल 791 यात्री-संबंधी शिकायतें मिलीं और प्रति 10,000 यात्रियों पर शिकायतों की संख्या लगभग 0.63 थी। आंकड़ों से पता चला कि 37.8 प्रतिशत यात्रियों की शिकायतें फ्लाइट संबंधी समस्याओं के बारे में थीं, इसके बाद सामान (19 प्रतिशत), रिफंड (16.3 प्रतिशत) और ग्राहक सेवा (11.1 प्रतिशत) की शिकायतें थीं।

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