जशपुर । पांच दिवसीय नव नियुक्त शिक्षकों की अधिस्थापन प्रशिक्षण का समापन 18 मार्च को हुआ । इस प्रशिक्षण में नव नियुक्त शिक्षकों को मोटिवेट करने का उनमें उत्साह भरने का कार्य एस सी ई आर टी से आए हुए मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा बखूबी किया गया। प्रशिक्षण के पहले दिन शिक्षकों की भूमिका, राष्ट्रीय शिक्षा नीति, चेतन और अवचेतन मन पर विस्तृत चर्चा हुई मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा शिक्षकों को मूल मंत्र दिया गया कि अपने लक्ष्य को लिखकर रखें या दीवाल पर चिपकाए। ताकि बार-बार आप उसे देखें और आपका ध्यान आपके लक्ष्य से ना भटके। दूसरे दिवस के प्रशिक्षण में तनाव प्रबंधन ,भाषा और शिक्षा विभाग की संरचना पर चर्चा हुई। साथ ही प्रशिक्षकों के द्वारा बताया गया कि यदि अच्छा काम करते हैं तो स्वयं को भी शाबाशी जरूर दें।
तीसरे दिवस के प्रशिक्षण में संज्ञानात्मक क्षेत्र, स्वयं का कार्य,समुदाय की सहभागिता, संख्याओं की अवधारणा और विभिन्न प्रकार के शाला अभिलेख पर चर्चा हुई तथा ग्रुप प्रेजेंटेशन गणित की संक्रियाओं पर करवाया गया। जिसमें जिले के मास्टर ट्रेनर्स के द्वारा भी प्रेजेंटेशन दिया गया।चौथे दिवस के प्रशिक्षण में पूरे दिन नवा जतन के सभी बिंदुओं पर चर्चा हुई और बच्चों में 6 सी ( क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिव थिंकिंग, कोलैबोरेशन, कम्पेशन, कॉन्फिडेंस और कम्युनिकेशन स्किल)को निर्माण करने के बारे में प्रशिक्षकों द्वारा विस्तृत रूप से बताया गया। साथ ही किस तरह आप बच्चों को चुनौती दे सकते हैं ,सीखने सिखाने की प्रक्रिया पर भी चर्चा की गई और अंत में ग्रुप में बांट कर नव नियुक्त शिक्षकों को सांस्कृतिक कार्यक्रम भी कराया गया ।पांचवें और अंतिम दिवस के प्रशिक्षण में जितनी भी बातें पिछले चार दिनों में हुई थी उसे समेकित करते हुए विद्यालय के वातावरण को बेहतर बनाने के तरीके ,मूल्यांकन ,परीक्षा , और आकलन में अंतर ,राष्ट्रीय शिक्षा नीति और आधुनिक और परंपरागत खेलों के ऊपर भी चर्चा हुई। आजकल बच्चे परंपरागत खेलों से दूर है, जिसकी वजह से उनका शारीरिक विकास भी उस तरह नहीं हो पा रहा है जैसा होना चाहिए यह भी मास्टर ट्रेनर के द्वारा बताया गया।
एस सी ई आर टी से आए हुए मास्टर ट्रेनर राजकुमार जलतारे, दीपेश पुरोहित ,मनीष मिश्रा, चेतन कुमार पटेल, जानकी साहू ने अपनी ओर से पूरी कोशिश की की सारे नव नियुक्त शिक्षक को विद्यालयों के लिए पारंगत बनाने की। दीपेश पुरोहित एवं राजकुमार जलतारे सर के द्वारा विभिन्न विषयों पर शिक्षकों को चुनौती देते हुए विस्तृत चर्चा की गई तो मनीष मिश्रा के मीठे गीतों ने सबका दिल जीत लिया वही चेतन पटेल के द्वारा शाला अभिलेख, अवकाश और शिक्षा विभाग की संरचना पर विस्तृत रोशनी डाली गई तो जानकी साहू के द्वारा एफ एल एन पर चर्चा की गई ।इन सभी के अलावा जिले से चुने गए मास्टर ट्रेनर शंकर राम, अनिल मिश्रा ,सीमा गुप्ता ,मुकेश कुमार ,निकिता नामदेव के द्वारा भी बीच-बीच में अपने अनुभव शेयर किए गए कि किस तरह उन्होंने अपने विद्यालयों में कार्य किया है।
प्रशिक्षण के अंत में नवनियुक्त शिक्षकों ने डाइट के प्राचार्य एम जेड यू सिद्दीकी और उप प्राचार्य श्रीमती संगीता भोय को तथा समस्त मास्टर ट्रेनर्स को स्मृति स्वरूप पारंपरिक छत्तीसगढ़ी वस्तुएं भेंट की और इन पांच दिनों में जो कुछ भी उन्हें बताया गया और जो उन्होंने सीखा उसके लिए सभी को धन्यवाद दिया। समापन के अंत में अपने उद्बोधन में एस संगीता भोय के द्वारा स्कूलों में होने वाले कार्यों पर चर्चा करते हुए शिक्षकों को मोटिवेट किया गया कि अब आप सभी दोगुनी एनर्जी के साथ अपने विद्यालयों में जाकर कार्य किजिए ।डाइट के प्राचार्य एम जेड यू सिद्दीकी के द्वारा कहा गया कि जब आप घर से निकलते हैं तो विद्यालय तक के रास्ते में आप सोचते हुए जाइए कि आज आपको क्या करना है आप देखेंगे कि विद्यालय पहुंचने तक आपके मन में निश्चित ही नए विचार आ चुके होंगे ,जो आप अपने विद्यालय के बच्चों को दे पाएंगे। अपने बात का समापन उन्होंने उर्दू की एक शायरी से किया कि मिटा दे अपनी हस्ती को,गर कुछ मर्तबा चाहे, कि दाना खाक में मिलकर, गुले गुलजार होता है। प्रकोष्ठ प्रभारी आर बी चौहान और विनोद कुमार पैंकरा के द्वारा भी शिक्षकों को मोटिवेट किया गया और साथ ही अंत में सभी को प्रशस्ति पत्र देकर प्रशिक्षण का समापन किया गया।