पत्थलगांव में करोड़ों रुपए का अस्पताल का निर्माण तो कर दिया गया लेकिन देख रेख व घटिया निर्माण की वजह से करोड़ों रुपए का अस्पताल बारिश के साथ ही बारिश का पानी टपकने लगता है करोड़ों रुपए के अस्पताल के मुख्य गेट से लेकर अन्य कमरों और वार्डों में टपकती छतों को आसानी से देखा जा सकता है बारिश में अस्पताल के दरवाजे पर घुसने के लिए मरीज के साथ परिजनों को भी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है जहां बारिश में अस्पताल के छठ टपकने लगती है। विगत वर्षों पूर्व अस्पताल में पानी टपकने के इलाज के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए थे लेकिन लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद अस्पताल की व्यवस्था जस की तस बनी हुई है। अस्पताल में जगह–जगह पानी टपकने की वजह से मरिज काफी दिक्कतों का सामना कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अस्पताल की व्यवस्थाओं के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर मशीन तो भेज दी जाती है लेकिन देखरेख व रखरखाव के अभाव में मशीन कमरे की शोभा बढ़ा रही है। अस्पताल में सैकड़ो से ज्यादा की स्टाफ के बावजूद अस्पताल अवस्थाओं का शिकार हो चुका है। पुराने अस्पताल के पास लाखों रुपए खर्च कर दो मंजिला बिल्डिंग तो खड़ी कर दी गई है लेकिन उद्घाटन बगैर नागरिकों के लिए किसी काम की नहीं है वहीं मरचुरी रूम तो बना दिया गया है लेकिन आज तक मरचुरी रूम का उद्घाटन नहीं किया गया वहीं शौचालय तो बना दिया गया है लेकिन उद्घाटन के पूर्व ही शौचालय कबाड़ में तब्दील हो चुका है कुल मिलाकर छत्तीसगढ़ शासन के मुखिया की गृह जिले में चिकित्सा व्यवस्थाओं का जनाजा निकला हुआ प्रतीत होता है ।अब देखना यह है कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को कब इन समस्याओं से मुक्ति मिलती है व सुलभ इलाज की सुविधा मुहैया होती है??