32 सूत्रीय मांगों को लेकर राजस्व पटवारी संघ प्रांतीय आवाह्न पर प्रदेश के सभी विकासखंड स्तर पर पटवारी संघ 8 जुलाई से हड़ताल पर हैं। जिसे लेकर मंगलवार को पत्थलगांव तहसील कार्यालय के समीप पत्थलगांव पटवारी संघ द्वारा अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी गई। दरअसल राजस्व पटवारी संघ छग द्वारा बीते वर्षों से लंबित पटवारियों के 32 बिंदुओं पर मांगों/ पटवारियों की समस्याओं के निराकरण के संबंध में शासन को पूर्व में ज्ञापन सौंपा जा चुका है, जिसका निराकरण नहीं होने से शासकीय कार्य बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है।
उक्त अनिश्चितकालीन हड़ताल में पटवारी मदन भगत,अशोक माझी, रविनारायन राठिया,चन्दन राठिया, कुलदीप गुप्ता,विकाश गुप्ता,सतीश दास,प्रसन्न एक्का,अनिता लहरे, प्रेमा बाई,भगत सिंह भगत,जहर साय नाग,नीलेश गुप्ता,अश्विन गुप्ता,श्रवण यादव,अरुण लकड़ा,हितेंद्र मिर्रे, द्वारिका प्रसाद, आशीष साहू, आशीष खेस, छतराम अजय, मुमताज़ तिर्की, मुकेश नगेशिया मौजूद रहे।
इस दौरान पत्थलगांव पटवारी संघ के पटवारियों का कहना था कि आनलाइन नक्शा बटांकन, संशोधन, पहले पटवारी आइडी से होकर राजस्व निरीक्षक की आइडी में भेजा जाता है जिसके कारण जब तक राजस्व निरीक्षक आइडी से अनुमोदन नहीं होता तब तक उसी नक्शे से संबंधित अन्य बटांकन या संशोधन नहीं किया जा सकता जिसके कारण विलंब होता है एवं पटवारी द्वारा अनुमोदन के लिये भेजा गया नक्शा बटांकन प्रस्ताव पटवारी आइडी में नहीं दिखता है जिससे त्रुटि की संभावना रहती है।
इसके अतिरिक्त अगर किसी काश्तकार के नाम, पिता का नाम, गांव, जाति या रकबा मे मात्रात्मक छोटी सी भी त्रुटि होने पर,किसानों की यह त्रुटि धारा 115 के तहत केवल sdm के पास आवेदन देने से राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी के जाँच प्रतिवेदन देने के बाद ही ठीक होती है जो पहले पटवारी id मे आसानी से हुआ करता था.. इससे अनावश्यक विलम्ब होता है।
ऑनलाइन रजिस्ट्री होने के बाद जो रजिस्ट्री पेपर प्रमाणीकरण हेतु पहले तुरन्त 1 दिन मे पटवारी id मे आता था अब वो 15-20 दिन मे नये प्रमाणीकरण के डेट के साथ आता है। कुछ रजिस्ट्री तो id मे आता ही नहीं। फिर उसको MD सीरीज से दर्ज करने पर प्रमाणीकरण का डेट फिर 1 महीना आगे बढ़ जाता है.. इससे अनावश्यक विलम्ब होता है और दोष पटवारी पर आता है।
सामान्यतः नक्शा सर्वर अधिकांशतः नहीं खुलता है, और खुलता भी है तो अत्यंत ही धीमा रहता है। उन्होंने छग पटवारी संघ द्वारा की गई 32 मांगों के बारे में विस्तार से बताते हुए जब तक सरकार मांगों को पूरा ना कर दे तब तक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहने की बात कही।