जशपुर: वर्तमान में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शासकीय स्कूलों में शिक्षकों की युक्तियुक्तकरण की कार्यवाही की जा रही है। संकुल शैक्षिक समन्वयक के प्रांताध्यक्ष द्वारा इस संबंध में 12 अगस्त 2024 को एक ऑनलाइन बैठक आयोजित की गई थी। राज्य स्तरीय ऑनलाइन बैठक में प्रांत अध्यक्ष श्री पूर्णानंद मिश्रा जी से प्राप्त निर्देश अनुसार इस युक्तियुक्तकरण नीति में जो विसंगतियां है इस पर राज्य सरकार का ध्यान आकृष्ट करने हेतु दिनांक 13.08.2024 को जशपुर में संकुल शैक्षिक समन्वयक शिक्षक संघ जिला इकाई जशपुर की एक आवश्यक बैठक आयोजित हुई। इस बैठक में जिला कार्यकारिणी के सभी पदाधिकारी एवं विकासखंड अध्यक्ष व सीएसी साथी सम्मिलित हुए। बैठक में इस बात पर विचार विमर्श किया गया कि युक्तियुक्तकरण में प्राथमिक शालाओं में 60 बच्चों पर दो शिक्षक एवं माध्यमिक शालाओं में 105 बच्चों पर चार शिक्षक की पदस्थापना कर शेष को अतिशेष मानते हुए पदस्थापना से पृथक किया जा रहा है, जबकि स्कूलों में नियुक्ति वर्तमान सेटअप 2008 के आधार पर किया गया है। सेटअप का विवरण राजपत्र में भी उल्लेखित है। सेटअप को तोड़ मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है, जो शिक्षकों के हित व गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विपरीत है। इसका पूरे प्रदेश में व्यापक विरोध हो रहा है। जहां शिक्षकों की कमी है वहां भर्ती के बजाय सेटअप के विरुद्ध नियम बना कर गलत ढंग से समायोजित करने हेतु कार्यवाही की जा रही है। इस आधार पर यदि अतिशेष का चिन्हाकन किया गया तो प्रदेश के 5500 संकुल समन्वयक व 30 हजार ऐसे शिक्षक होंगे जो युक्तियुक्तकरण से प्रभावित होंगे और उनके पदस्थापना के लिए स्कूल ही नहीं मिलेगा। अतिशेष चिन्हांकन में CAC को भी शामिल किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में यदि सीएसी अपने संस्था में अध्यापन कार्य करते हैं तो शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित होगा और यदि शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु संकुल का कार्य करते हैं तो उनका स्कूल प्रभावित होगा। जिले में शैक्षिक गुणवत्ता हेतु कई कार्य किये जा रहे हैं। विनोबा फाउंडेशन, प्रथम एजुकेशन, FLN आदि महत्वपूर्ण योजनाओं के तहत जिले के सभी सीएसी को प्रशिक्षित किया गया है। यदि युक्तियुक्तकरण से सीएसी प्रभावित होते हैं। तो उन संकुलों में इन शासकीय योजनाओं पर प्रभाव पड़ेगा। पूर्व में वर्ष 2013 में जब युक्तियुक्तकरण किया गया था तब संकुल शैक्षिक समन्वयकों को अतिशेष से पृथक रखा गया था। बैठक में इन्हीं बातों पर विचार विमर्श कर शासन प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया। इसी कड़ी में माननीय कलेक्टर महोदय जशपुर को ज्ञापन देते हुए संकुल शैक्षिक समन्वयक को युक्तियुक्तकरण में अतिशेष की श्रेणी से पृथक रखने एवं राज्य शासन द्वारा 2008 में जारी सेटअप अनुसार युक्तियुक्तकरण करने का निवेदन किया गया। प्रतिनिधिमंडल में संघ के सभी जिला पदाधिकारी सभी विकासखंड अध्यक्ष एवं अन्य सीएसी साथी उपस्थित थे।।