पत्थलगांव । पत्थलगांव के सिविल अस्पताल में चारों ओर अव्यवस्था का आलम छाया हुआ है। यहां की खिड़कियों के कांच, दरवाजे फूटे टूटे पड़े हैं और शौचालय में सफाई व्यवस्था का नितांत अभाव है। जिसकी वजह से यहां आने वाले मरीजों एवं आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
उल्लेखनीय है कि पत्थलगांव का सिविल अस्पताल शहर ही नही बल्कि आसपास के सभी ग्रामीण क्षेत्रों के चिकित्सा व्यवस्था का प्रमुख केंद्र है। यहां छोटी से लेकर हर बड़ी बीमारी तक के उपचार के लिए बड़ी संख्या में लोग प्रतिदिन पहुंचते है। परंतु यह अस्पताल अपनी अव्यवस्था पर ही आंसू बहा रहा है। आपको बता दें कि अस्पताल के निर्माण को पूरे हुए कुछ वर्ष ही व्यतीत हुए हैं परंतु इस अस्पताल की स्थिति बदहाल हो गई है। अस्पताल के दरवाजों के कांच फुट गए हैं तो कई खिड़कियां ऐसी है जिनमे दरवाजे तक नही हैं। वार्डों में मरीजों की सुविधा के नाम पर केवल पंखे लगे हुए हैं जिसमे से भी कई पंखे अक्सर खराब रहते है। दूसरी ओर अस्पताल के शौचालय का बुरा हाल है।
गौरतलब है कि अस्पतालों से शौचालयों की साफ सफाई पर विशेष तौर से अपेक्षा की जाती हैं परंतु सिविल अस्पताल इसका अपवाद है यहां का शौचालय अत्यधिक बुरी स्थिति में नजर आता है। जिसमे चारों तरफ गंदगी नजर आती है वहीं यहां से उठने वाली दुर्गंध इतनी तेज होती है कि यहां से गुजरने में भी लोगों को मुंह पर रूमाल बांधकर गुजरना पड़ता है। ऐसे में इसका उपयोग करने वाले मरीजों की सेहत पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। बार बार स्थानीय लोगों द्वारा सिविल अस्पताल की इस समस्या को लेकर नाराजगी जाहिर की जाती रही है मगर अस्पताल प्रबंधन इसके बाद भी इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। वहीं प्रशासन भी इस ओर से आंखें मूंदे बैठा है।
वही इस परिसर में किसी भी प्रकार के तंबाकू पदार्थ तथा बीड़ी,सिगरेट व पान मसाला इत्यादि का उपयोग प्रतिबंधित होने और नियमों को तोड़ने वालों पर 200 रुपए जुर्माने की बातें दीवारों पर लिखे होने के बावजूद जगह जगह पान गुटका की पिचकारी देखी जा सकती है।