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बिहारः शिक्षक नियुक्ति में तीन अलग-अलग तरह का फर्जीवाड़ा, 1200 से ज्यादा टीचर जांच के घेरे में

प्रिंस सिन्हा संपादक

सांकेतिक तस्वीर- India TV Hindi

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सांकेतिक तस्वीर

मुजफ्फरपुरः बिहार में शिक्षक नियुक्ति को लेकर तीन अलग-अलग तरह का फर्जीवाड़ा सामने आया है। मुजफ्फरपुर जिले में 58 शिक्षक संदेह के घेरे में है। राज्य में 1205 नियोजित शिक्षक जांच की जद में है। सक्षमता परीक्षा में शामिल होने वाले नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट का बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। सक्षमता परीक्षा फॉर्म भरे जाने के बाद जिले के 23 शिक्षकों के प्रमाण पत्र संदेह के घेरे में है। एक ही रोल नंबर पर अमित कुमार मुजफ्फरपुर में भी समस्तीपुर में भी और बांका नालंदा में भी मिले हैं।

20 से ज्यादा टीचर हिरासत में लिए गए

मुजफ्फरपुर जिले में 20 से अधिक शिक्षक हिरासत में गए हैं।  जिनमें दो-तीन शिक्षकों का टीईटी रोल नंबर और सर्टिफिकेट नंबर एक ही है। कई जगह एक ही रोल नंबर पर कहीं दो तो कहीं चार से पांच शिक्षक तक बहालं है। एक ही रोल नंबर पर बहाल इन शिक्षकों के नाम सामने आने के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। रोल नंबर, नाम, पिता का नाम सब एक है। अलग-अलग जिले में ये शिक्षक नौकरी कर रहे हैं। चार अमित कुमार में दो के पिता चंद्रशेखर तो दो के पिता अवध नरेश प्रसाद हैं। 

इस तरह हुआ फर्जीवाड़ा

मुजफ्फरपुर,पूर्वी चंपारण, गया समेत अन्य जिलों में नौकरी कर रहे 18 शिक्षक ऐसे हैं जिनका टीईटी रोल नंबर 150 है। टीईटी में रोल नंबर तीन डिजिट का होता ही नहीं है लेकिन 2011 के टीईटी शिक्षक बाकायदा सालों से इसी सर्टिफिकेट पर नौकरी कर रहे है। 150 रोल नंबर वालो में मुजफ्फरपुर के दो शिक्षक शामिल है। इनमें एक कटरा और एक मीनापुर के स्कूल में कार्यरत है।

एक ही स्कूल में एक ही रोल नंबर पर दो लोग कर रहे नौकरी 

एक ही स्कूल में एक ही नाम के एक ही रोल नंबर पर दो लोग नौकरी कर रहे हैं। एक ही स्कूल में एक ही नाम और एक ही रोल नंबर वाले शिक्षकों में सबसे अधिक दरभंगा और मुजफ्फरपुर में नियुक्त हैं। जिले में 32 शिक्षक ऐसे हैं जिनमें दो-दो लोगों का एक ही नाम के हैं और ये एक ही स्कूल में कार्यरत हैं। कमाल यह है कि इन सभी का रोल नंबर भी एक है। 

फर्जीवाड़े की तीन अलग-अलग लिस्ट बनी

पहले फर्जीवाड़े की सूची में एक नाम एक स्कूल और एक रोल नंबर वाले शिक्षक है। दूसरी सूची में ऐसे शिक्षक की बनी है। जिनका नाम एक रोल नंबर एक है लेकिन स्कूल अलग-अलग है। सकरा में एक ही स्कूल में एक ही रोल नंबर पर दो शिक्षक कार्यरत है। सरैया प्रखंड के प्राथमिक विद्यालय डोकरा में कार्यरत नियोजित शिक्षक सतीश ने वर्ष 2016 में सीटीईटी क्वालीफाई किया उनका रोल नंबर 604242 है। इसी रोल नंबर पर 2016 में ही सीटीईटी क्वालिफाइड करने का सर्टिफिकेट दुर्गानंद महतो ने भी दिया है। जिनकी नियुक्ति भागलपुर जिले के सुल्तानगंज प्रखंड के आरजीएमएस तिलकपुर में हुई है। 

साल 2011 का हा मामला

मीनापुर प्रखंड के उत्क्रमित मध्य विद्यालय भगवान छपरा में नियोजित शिक्षक चांदनी कुमारी के बीटेक का रोल नंबर 238111035 है।  2011 में परीक्षा दी थी । इसी रोल नंबर पर इसी वर्ष बीटेट उत्तरीन  करने का सर्टिफिकेट लगाकर चांदनी कुमारी का नियोजन समस्तीपुर जिले के मोरवा प्रखंड के अंतर्गत उत्क्रमित मध्य विद्यालय मोरवाडीह में हुआ है। दोनों के पिता का नाम अशोक कुमार झा ही लिखा है। जबकि मां का नाम अलग-अलग है । 

मुजफ्फरपुर में 58 शिक्षक संदेह के घेरे में

मुजफ्फरपुर में 58 शिक्षक संदेह के घेरे में है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी डॉक्टर प्रफुल्ल कुमार मिश्रा ने ऐसे शिक्षकों के वेतन पर रोक लगा दी है। सक्षमता परीक्षा के लिए नियोजित शिक्षकों ने आवेदन किया है जिसकी स्क्रीनिंग के दौरान डमी सर्टिफिकेट के मामले सामने आने पर सभी जिलों को जांच का निर्देश दिया गया है। 

पूरे बिहार में 12005 नियोजित शिक्षक जांच के घेरे में 

आपको बता दे कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा ली जा रही सक्षमता परीक्षा समिति द्वारा आवेदन देने वाले 12005 नियोजित शिक्षक जांच के घेरे में आ गए है। इन सभी शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षाओं के रोल नंबर एक से अधिक अभ्यर्थियों के है। ऐसे में इन्हें संदेह के घेरे में मानते हुए शिक्षा विभाग ने सभी का भौतिक सत्यापन कराने का निर्णय लिया है।

रिपोर्ट- संजीव कुमार, मुजफ्फरपुर

 

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