भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने बीते बुधवार को बताया कि उसने कुछ नियामकीय मानदंडों का पालन नहीं करने को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक ऑफ इंडिया पर 1.4 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। साथ ही केंद्रीय बैंक ने कुछ निर्देशों का अनुपालन नहीं करने के लिए निजी क्षेत्र के बंधन बैंक पर भी 29.55 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। भाषा की खबर के मुताबिक, बैंक ऑफ इंडिया पर जुर्माना जमा पर ब्याज दर, बैंकों में ग्राहक सेवा, कर्ज पर ब्याज दर और क्रेडिट सूचना कंपनी नियम, 2006 के प्रावधानों के उल्लंघन से संबंधित रिजर्व बैंक के निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए लगाया गया है।
इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस पर भी लगा जुर्माना
खबर के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि इंडोस्टार कैपिटल फाइनेंस लिमिटेड पर ‘एनबीएफसी (रिजर्व बैंक) दिशा-निर्देश, 2016 में धोखाधड़ी की निगरानी’ और केवाईसी निर्देशों के कुछ प्रावधानों का अनुपालन नहीं करने पर 13.60 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। रिजर्व बैंक ने कहा कि सभी मामलों में, नियामक अनुपालन में कमियों के लिए जुर्माना लगाया गया है। इसका मकसद संस्थाओं द्वारा अपने ग्राहकों के साथ किए गए किसी भी लेनदेन या समझौते की वैधता को प्रभावित करना नहीं है।
4 मार्च, 2024 का है आदेश
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 04 मार्च, 2024 के एक आदेश के तहत बैंकों पर यह मौद्रिक जुर्माना लगाया है। भारतीय रिजर्व बैंक (जमा पर ब्याज दर) दिशानिर्देश, 2016′ पर कुछ निर्देशों के अनुपालन में कमी या उल्लंघन के चलते यह फैसला किया। यह जुर्माना बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 की धारा 46(4)(i) के साथ पठित धारा 47ए(1)(सी) के प्रावधानों के तहत आरबीआई को प्रदत्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए लगाया गया है।
केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस मौद्रिक दंड को लगाने से आरबीआई द्वारा बैंक के खिलाफ शुरू की जाने वाली किसी भी दूसरी कार्रवाई पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। एक नोटिस बैंक को यह सलाह देते हुए जारी किया गया था कि वह कारण बताए कि निर्देशों का पालन करने में विफलता के लिए उस पर जुर्माना क्यों नहीं लगाया जाना चाहिए। नोटिस पर बैंक के जवाब, व्यक्तिगत सुनवाई के दौरान की गई मौखिक प्रस्तुतियों और उसके द्वारा किए गए अतिरिक्त प्रस्तुतियों की जांच पर विचार करने के बाद, रिजर्व बैंक ने खामी पाते हुए यह जुर्माना लगाया।