रिपोर्ट : सर्वेश श्रीवास्तव
अयोध्या. अपने आराध्य प्रभु श्रीराम के लिए इन दिनों रामभक्तों ने खजाने खोल दिए हैं. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि रामभक्त बढ़-चढ़कर दान कर रहे हैं. आलम यह है कि जब दानपात्र खोला जाता है तो नोटों की संख्या बहुत ज्यादा रहती है. इतनी कि उन्हें गिनने के लिए बैंक के कर्मचारी और ट्रस्ट के पदाधिकारी भी नियुक्त किए गए हैं.
बता दें कि अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है. करोड़ों रामभक्तों का सपना साकार हो रहा है. पूरे देश के रामभक्त अपने आराध्य के दर्शन पूजन करने के लिए अयोध्या पहुंच रहे हैं. अभी तक रामलला अपने अस्थायी मंदिर में ही विराजमान हैं, लेकिन रामभक्तों का उत्साह, उल्लास और श्रद्धा इस कदर है कि मंदिर निर्माण पूरा होने और रामलला के अपने गर्भ गृह में विराजमान होने से पहले ही रामलला के सामने रखे दानपात्र में करोड़ों रुपए का चढ़ावा हर महीने आ रहा है.
आलम यह है कि दानपात्र के नोटों की गिनती के लिए बैंक कर्मचारी और ट्रस्ट पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं. खास बात यह भी है रामलला की सेवा में दानदाताओं के द्वारा एक तरफ जहां दानपात्र में दान दिया जाता है तो दूसरी तरफ बड़ी संख्या में दानदाता रामलला के अकाउंट में भी दान देते हैं. इतना ही नहीं इसके अलावा रामभक्तों की एक बड़ी तादाद ऐसी भी है जो सोने-चांदी भी समर्पित करती है.
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता की मानें तो जैसे-जैसे श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे दान की मात्रा भी बढ़ रही है. महीने भर में नगद दान स्वरूप करीब एक करोड़ रुपए और उससे अधिक की धनराशि चढ़ावे में आ रही है. नोटों की संख्या ज्यादा होती है, इसलिए बैंक के 2 कर्मचारी और ट्रस्ट द्वारा निर्धारित किए गए छह कर्मचारी नोटों की गिनती के साथ ही उन्हें बंडल बनाने का कार्य करते हैं. आनेवाले पखवारे में चैत्र रामनवमी का पर्व है. ऐसे में दानदाताओं की संख्या बढ़ेगी. निश्चित रूप से रामलला के मंदिर निर्माण और उनकी सेवा पूजा के लिए रामभक्तों द्वारा दान की गई धनराशि में भी बढ़ोतरी होगी.