CG Bulletin

Israelis are most angry in 70 years massive protests people on roads against pm Benjamin Netanyahu

प्रिंस सिन्हा संपादक

Israel Unrest: इजरायल में पिछले 10 हफ्तों से लगातार हजारों आम लोग सड़क पर उतरकर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्‍याहू का विरोध कर रहे हैं. कहा जा रहा है कि इजरायल में यह पिछले 70 साल का सबसे बड़ा जन आंदोलन है. लोग गलियों तक में रैलियां कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि पीएम नेतन्‍याहू के कथित न्‍यायिक सुधार इजरायल के लोकतंत्र के लिए खतरा हैं. सड़कों पर हजारों प्रदर्शनकारी लगातार मार्च करते दिख रहे हैं. विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए बीते गुरुवार को इजरायल के राष्‍ट्रपति इस्साक हर्ज़ोग ने प्रस्तावित कानून पर रोक लगाने के लिए सत्तारूढ़ गठबंधन को बुलाया. उन्‍होंने भी इसे लोकतंत्र की नींव के लिए खतरा बताया है.

राष्‍ट्रपति हर्ज़ोग ने कहा कि ये कौन सा सुधार है, जिसने बड़ी संख्या में इजरायल के लोगों को विरोध-प्रदर्शन के लिए सड़कों पर ला दिया है? दरअसल, जनवरी 2023 के पहले हफ्ते में इजरायल के न्‍याय मंत्री यारिव लेविन ने देश की कानून प्रणाली को दुरुस्‍त करने के लिए सरकार की योजना का खुलासा किया. उनकी ओर से प्रस्‍तावित कानून के मुताबिक, देश में न्‍यायाधीशों की नियुक्ति करने वाली समिति में सरकार की भूमिका बढ़ाई जाएगी. आइए समझते हैं कि इजरायल में न्यायिक फेरबदल का विरोध क्यों किया जा रहा है? कानून के समर्थकों का इस बारे में क्या कहना है?

ये भी पढ़ें – ट्रांसजेंडर्स और समलैंगिक लोग रक्तदान नहीं कर सकते, क्यों केंद्र सरकार इसको सही ठहरा रही?

प्रस्‍तावित सुधारों का विरोध क्‍यों कर रहे लोग?
इजरायल में अभी न्‍यायाधीशों की चयन समिति में नेता, जज और वकील शामिल रहते हैं. एपी की रिपोर्ट के अनुसार, नई प्रणाली सांसदों को समिति में बहुमत देगी, जिनमें से अधिकांश दक्षिणपंथी और धार्मिक रूप से रूढ़िवादी सत्तारूढ़ गठबंधन से होंगे. प्रस्तावित कानून में एक “ओवरराइड क्लॉज” को भी शामिल किया गया है. ये क्‍लॉज इजरायल की 120 सदस्यीय संसद को 61 मतों के साधारण बहुमत से सर्वोच्च न्यायालय के फैसलों को पलटने की शक्ति देगा. यही नहीं, सोमवार यानी 13 मार्च 2023 को स्वीकृत एक बदलाव में सुप्रीम कोर्ट को इन बुनियादी कानूनों को पलटने से रोकने का भी प्रस्ताव पारित कर दिया गया है.

Israel, Israel Unrest, Israel Protest, Rallies on roads of Israel, Issac Herzog, Israeli President, Protester onto the Streets, Prime Minister Benjamin Netanyahu, इजरायल, इजरायल में प्रदर्शन, इजरायल में सड़क पर उतरे लोग, आइजैक हर्जोग, इजरायल के राष्‍ट्रपति, विरोध प्रदर्शन, पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू

इजरायली लोग विधायी प्रणाली में किए जा रहे सुधारों को लोकतंत्र के लिए खतरनाक बता रहे हैं. (Image: Reuters)

सुधारों की आड़ में फायदा लेने का आरोप
द टाइम्स ऑफ इज़राइल की रिपोर्ट के अनुसार, कानून न्यायिक तर्कसंगतता परीक्षण को भी खत्म करना चाहता है, जो शीर्ष अदालत को सरकार या सार्वजनिक क्षेत्र के फैसलों का मूल्यांकन और अमान्य करने की अनुमति देता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि लेविन मंत्रियों को अपने कानूनी सलाहकारों का चयन करने में सक्षम बनाना चाहते हैं. साथ ही मंत्रालय के कानूनी सलाहकारों, मंत्रियों और कैबिनेट पर अटार्नी जनरल की राय बनाना चाहते हैं. हार्तेज़ अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, ये इजरायल के इतिहास में सबसे बड़ा प्रदर्शन है. प्रदर्शनकारियों ने विवादास्पद न्यायिक सुधारों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.

ये भी पढ़ें – Stephen Hawking की कौन महिला रोज करती थी पिटाई, क्‍यों छोड़कर चली गईं दोनों बीवियां?

राष्‍ट्रपति के घर पर भी जुटे प्रदर्शनकारी
विरोध प्रदर्शन के आयोजकों का दावा है कि शनिवार के विरोध प्रदर्शन में 5,00,000 से ज्‍यादा लोग शामिल हुए. इनमें से 2,40,000 तेल अवीव में एकजुट हुए. सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, यरुशलम में राष्ट्रपति हर्ज़ोग के घर के बाहर भी प्रदर्शनकारी इकट्ठे हो गए. लोग ‘इजरायल तानाशाही नहीं होगी’ जैसे नारे लगा रहे थे. समाचार एजेंसी एपी के अनुसार, सैकड़ों इजरायली महिला अधिकार कार्यकर्ता, टीवी सीरीज डायस्टोपियन, द हैंडमेड्स टेल के किरदारों के रूप में कपड़े पहने, तेल अवीव शहर में जुटे प्रदर्शनकारियों में शामिल हुईं. इजरायली मीडिया के अनुसार, हाइफा के उत्तरी शहर में रिकॉर्ड 50,000 लोगों ने प्रदर्शन किया. वहीं, 10,000 लोग बेर्शेबा में जुटे.

सुधारों को लोकतंत्र के लिए खतरा बता रहे लोग
तेल अवीव में एक प्रदर्शनकारी तकनीकी उद्यमी रैन शाहोर ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि नई सरकार के उपाय इजरायल के लोकतंत्र के लिए खतरनाक हैं. एक प्रदर्शनकारी इनायत गिवल लेवी ने एपी से कहा कि हम देश में लोकतंत्र को समाप्त करने के लिए कभी सहमत नहीं होंगे. सीएनएन ने विरोध कर रहे एक इजरायली नेता शिक्मा ब्रेस्लर के हवाले से कहा कि अगर सुझाए गए कानून पारित हो जाएंगे, तो इजरायल में लोकतंत्र नहीं रहेगा. एपी की रिपोर्ट मुताबिक, पूर्व प्रधानमंत्री एहुद बराक दूसरे पूर्व प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता यायर लापिड व पूर्व न्याय मंत्री त्जिपी लिवनी के साथ विरोध प्रदर्शनों में भाग ले रहे हैं.

Israel, Israel Unrest, Israel Protest, Rallies on roads of Israel, Issac Herzog, Israeli President, Protester onto the Streets, Prime Minister Benjamin Netanyahu, इजरायल, इजरायल में प्रदर्शन, इजरायल में सड़क पर उतरे लोग, आइजैक हर्जोग, इजरायल के राष्‍ट्रपति, विरोध प्रदर्शन, पीएम बेंजामिन नेतन्‍याहू

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि सरकार सुधारों के बहाने न्‍यायिक व्‍यवस्‍था पर अपना कब्‍जा चाहती है. (Image : AP)

ये भी पढ़ें – सऊदी अरब ने मस्जिदों में लाउडस्‍पीकर पर क्‍यों लगाई रोक, रमजान से पहले कौन-कौन से सख्‍त नियम किए लागू?

पीएम नेतन्‍याहू को करना पड़ा एयरलिफ्ट
पिछले गुरुवार को प्रदर्शनकारियों ने कारों से देश के मुख्‍य इंटरनेशनल एयरपोर्ट का रास्‍ता ब्‍लॉक कर दिया, जिसके बाद नेतन्‍याहू को विदेश यात्रा पर जाने के लिए एयरलिफ्ट करना पड़ा. इससे पिछले हफ्ते इजरायली वायुसेना के एक विशिष्ट स्‍क्‍वाड्रन में रिजर्व फाइटर पायलटों ने प्रशिक्षण के लिए आने से इनकार कर दिया था. बीबीसी के मुताबिक, बाद में वे अपने कमांडरों के साथ बातचीत करने के लिए राजी हो गए. इजरायल डेमोक्रेसी इंस्टीट्यूट के लिए पिछले महीने किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार, तीन में से लगभग दो यानी 66 प्रतिशत लोगों का कहना है कि शीर्ष अदालत को इजरायल के बुनियादी कानूनों के साथ असंगत कानूनों को निरस्त करने में सक्षम होना चाहिए. लगभग 63 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे न्यायाधीशों को मनोनीत करने की मौजूदा प्रणाली का समर्थन करते हैं.

विपक्ष क्‍या लगा रहा है आरोप?
आलोचकों को डर है कि प्रस्तावित विधायी सुधार देश की जांच और संतुलन की व्यवस्था खत्म कर देंगे. साथ ही प्रधानमंत्री और उनके सहयोगियों को निरंकुश शक्ति प्रदान कर देंगे. कुछ विरोधियों का यह भी मानना ​​​​है कि नए सुधार पीएम नेतन्याहू भ्रष्टाचार के मुकदमे से बच सकते हैं. हालांकि, प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू ने सभी आरोपों का खंडन किया है. इजरायली थिंक टैंक ‘ऑफेक: द इजरायल सेंटर फॉर पब्लिक अफेयर्स’ के सह-निदेशक येहुदा शाऊल ने वॉक्स को बताया कि इजरायल सरकार इन सुधारों के साथ एक बार में दो क्रांति कर रही है. उन्‍होंने कहा कि सरकार इसके जरिये चेक-बैलेंस से छुटकारा पा लेगी और न्यायपालिका की स्वतंत्रता खत्‍म हो जाएगी. एपी के अनुसार, नेतन्याहू की गठबंधन सरकार सर्वोच्च न्यायालय के फिलिस्तीनी भूमि पर इजरायली चौकियों को गैरकानूनी घोषित करने के फैसले को रद्द करना चाहती है.

ये भी पढ़ें – Explainer: क्या सेम सेक्स मैरिज पर सुप्रीम कोर्ट भी अनुमति दे देगा, भले ही सरकार है इसके खिलाफ

क्या कहते हैं समर्थक?
नेतन्याहू सरकार ने इजरायल में संकट के बावजूद कानून को आगे बढ़ाना जारी रखा है. सुधार योजना के समर्थकों का तर्क है कि लोगों के निर्वाचित प्रतिनिधियों की ओर न्यायपालिका में संतुलन बनाना जरूरी है. ऐसा करने से देश का लोकतंत्र मजबूत होगा. प्रधानमंत्री नेतन्‍याहू और उनके सहयोगियों ने भी विरोध की निंदा की है. उनका कहना है कि आलोचक अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. नेतन्याहू भी कह चुके हैं कि विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाला समूह सिर्फ घर जलाना और देश में अराजकता पैदा करना चाहता है.

Tags: Benjamin netanyahu, Israel, Israeli PM, World news in hindi

Source link

Prince Sinha
Author: Prince Sinha

यह भी पढ़ें

टॉप स्टोरीज

Read More: