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Uttarakhand: विदेशों के करोड़ों का ऑफर को ठुकराया, महज 100 रुपए फीस में कर रहे देश-विदेश के मरीजों का इलाज

प्रिंस सिन्हा संपादक


रिपोर्ट : वेद प्रकाश

ऊधम सिंह नगर. देश के युवाओं का एक वर्ग विदेश में नौकरी कर ऐशो-आराम की जिंदगी जीना चाहता है. वहीं हमारे समाज में आज भी कुछ लोग ऐसे हैं, जो विदेशों के करोड़ों रुपये के ऑफर को ठुकरा कर अपनी धरती पर ही रहकर देश की सेवा करना चाहते है. उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर जनपद के रहने वाले आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रियरंजन तिवारी इन्हीं लोगों की फेहरिस्त में शुमार है. उन्हें पढ़ाई पूरी होने के बाद से ही ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, स्विट्जरलैंड, दुबई समेत कई देशों से करोड़ों रुपये की नौकरी के ऑफर मिले लेकिन डॉक्टर प्रियरंजन ने विदेशों के ऐशो-आराम के बदले अपने पैतृक गांव को चुना. वह परिवार की तीसरी पीढ़ी से है, जो यह क्लीनिक संभाल रही है. इससे पहले उनके पिता और दादा भी इसी क्लीनिक में मरीजों का इलाज करते थे.

डॉ. प्रियरंजन तिवारी ऊधम सिंह नगर के किच्छा के रहने वाले है. बरेली-हल्द्वानी रोड पर स्थित हनुमान मंदिर के पास उनका क्लीनिक है. वह मरीजों से ओपीडी शुल्क सिर्फ 100 रुपये लेते है. इसके बाद थेरेपी आदि को देखते हुए अलग-अलग चार्ज है. डॉ. तिवारी ने साल 2012 में अपने क्लीनिक से शुरूआत की. आज वह आयुर्वेदिक पद्धति से अपने क्लीनिक से ही भारत ही नहीं बल्कि कई देशों के मरीजों का ऑनलाइन और ऑफलाइन इलाज कर रहे है.

आयुर्वेद को लेकर मरीजों में बढ़ी जागरूकता
‘न्यूज 18 लोकल’ से बातचीत करते हुए डॉक्टर प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि जब उन्होंने 2012 में अपने पैतृक क्लीनिक से शुरूआत की, तो बहुत ही कम मरीज क्लीनिक पर आते थे, लेकिन समय के साथ मरीजों में आयुर्वेद को लेकर जागरूकता बढ़ी और आज भारत ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों के मरीजों का इलाज अपने क्लीनिक से ही कर रहे हैं.उन्होंने आगे बताया कि कोविड -19 के आने के बाद से पश्चिमी देशों के लोगों में आयुर्वेद चिकित्सा के प्रति विश्वास बढ़ा है, इसलिए बड़ी संख्या में लोग आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श लेकर अपना उपचार कराने के लिए भारत आ रहे है.

भारत से बाहर बज रहा आयुर्वेद का डंका
डॉक्टर प्रियरंजन तिवारी ने बताया कि कोविड से पहले पश्चिम के कुछ देशों को छोड़ दिया जाए, तो अधिकांश देशों में आयुर्वेदिक चिकित्सा को लेकर लोगों में जागरूकता कम थी लेकिन कोरोना काल के बाद से पश्चिमी देशों के लोगों में आयुर्वेदिक चिकित्सा को लेकर काफी जागरूकता बढ़ी है. उन्होंने बताया कि आज ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा सहित कई देशों से मरीज उनसे ऑनलाइन परामर्श लेने के साथ ही इलाज के लिए भारत तक आ रहे हैं. वह कई विदेशी मरीजों का इलाज कर रहे है. भारत आने वाले मरीजों में स्पाइन ट्रीटमेंट, स्लिप डिस्क, साइटिका, सर्वाइकल स्पोंडिलाइटिस जैसी बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या ज्यादा है. ज्यादा जानकारी के लिए आप डॉ. प्रियरंजन तिवारी के नंबर +91-8449792499 पर कॉल कर सकते है.

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Author: Prince Sinha

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