
रायपुर – छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ अभियान को नई दिशा देते हुए गृह मंत्री विजय शर्मा ने पहली बार टॉप नक्सली नेताओं के नाम लेकर उन्हें आत्मसमर्पण का खुला न्योता दिया है। सोनू, वेणुगोपाल, सतीश, भरसादेव और हिड़मा जैसे कुख्यात नक्सली कमांडरों को संबोधित करते हुए शर्मा ने कहा, ये सभी नक्सली शीघ्र वापस आ जाएं। हम रेड कार्पेट बिछाकर उनका स्वागत करेंगे। आत्मसमर्पण कर पुनर्वास के बाद सभी चर्चाएं होंगी।
उन्होंने यह भी कहा कि नक्सलवाद का अंत अब तय है, और 2026 तक इसे जड़ से उखाड़ फेंका जाएगा। नक्सलवाद के नाम पर लोगों को भ्रमित किया गया। अब लड़ाई हथियारों से आगे विचारों तक पहुंच गई है। आज से वैचारिक लड़ाई शुरू होगी, जिसमें अनेक आयामों पर चर्चा होगी। गृह मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार का मकसद नक्सलियों को मारना नहीं, बल्कि मुख्यधारा में लाना है। हम बातचीत के लिए हमेशा तैयार हैं। सरेंडर करने वालों को कोई डर नहीं, पुनर्वास और सुरक्षा का पूरा इंतजाम होगा। उन्होंने कहा यह अपील हिड़मा जैसे बड़े नामों पर केंद्रित है, जो भारी इनाम वाले नक्सली हैं।
गृहमंत्री शर्मा ने नक्सलवाद को ‘बाहरी साजिश’ बताते हुए कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्रों में बिजली, पानी, सड़क और स्वास्थ्य सुविधाओं ने विकास की लहर ला दी है। “नक्सली विकास के रास्ते में बाधा डालते हैं, लेकिन अब कोई इलाका उनके लिए सुरक्षित नहीं बचा,” उन्होंने दावा किया।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के 2026 तक नक्सलमुक्त भारत के संकल्प को दोहराते हुए शर्मा ने कहा कि भाजपा सरकार की रणनीति में ऑपरेशन के साथ-साथ वैचारिक जंग भी शामिल है।माना जा रहा है कि गृहमंत्री की यह अपील समर्पणों की संख्या बढ़ा सकती है, खासकर जब मई 2025 में माओवादी चीफ बसवराजू जैसे बड़े नेता मारे गए।




