
रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) को बड़ी सफलता मिली है। कोर्ट ने पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को तीन दिन की कस्टोडियल रिमांड पर ED को सौंप दिया है। इस अवधि में एजेंसी उनसे घोटाले से जुड़े अहम तथ्यों पर गहन पूछताछ करेगी।
ED ने निरंजन दास को प्रोडक्शन रिमांड पर अदालत में पेश किया था, जहां जांच एजेंसी ने विस्तृत पूछताछ के लिए कस्टोडियल रिमांड की मांग रखी। अदालत ने दलीलों को स्वीकार करते हुए तीन दिन की रिमांड मंजूर कर दी।
यह पूछताछ सौम्या चौरसिया से पूछताछ के दौरान मिले महत्वपूर्ण इनपुट और क्लू के आधार पर की जाएगी। ED का मानना है कि सौम्या चौरसिया से प्राप्त जानकारियां शराब घोटाले की पूरी साजिश, वित्तीय लेन-देन, और नेटवर्क को उजागर करने में निर्णायक साबित हो सकती हैं।
गौरतलब है कि निरंजन दास पहले से ही EOW (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) द्वारा दर्ज FIR के तहत न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे। अब ED की कस्टोडियल रिमांड के दौरान उनसे मनी ट्रेल, नीति-निर्धारण में भूमिका, और कथित लाभार्थियों से संबंधों को लेकर पूछताछ की जाएगी।
जांच एजेंसी का फोकस उन डिजिटल साक्ष्यों, दस्तावेज़ों और गवाहियों पर भी रहेगा, जिनसे घोटाले के पैमाने और जिम्मेदार व्यक्तियों की भूमिका स्पष्ट हो सके। आने वाले दिनों में इस मामले में और खुलासों की संभावना जताई जा रही है।




