Sai Cabinet Decision: राइस मिलर्स को बड़ी राहत, स्टाम्प शुल्क घटा, उसना मिलिंग पर प्रोत्साहन दोगुना

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राइस मिलर्स के लिए साल के अंतिम दिन साय मंत्रिपरिषद से बड़ी राहत की घोषणा हुई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में मिलर्स से जुड़े दो अहम फैसलों पर मुहर लगाई गई, जिससे मिलिंग उद्योग को सीधा लाभ मिलेगा।
मंत्रिपरिषद ने उसना मिलिंग पर दी जाने वाली प्रोत्साहन राशि को 20 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 40 रुपये प्रति क्विंटल करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके साथ ही प्रोत्साहन राशि की पात्रता के लिए मिलिंग की न्यूनतम अवधि को तीन माह से घटाकर दो माह कर दिया गया है। इस फैसले से छोटे और मध्यम मिलर्स को भी योजना का लाभ मिल सकेगा।
इसके अलावा कैबिनेट ने कस्टम मिलिंग के लिए धान उपार्जन एवं परिवहन से जुड़ी गतिविधियों में राइस मिलर्स द्वारा दी जाने वाली बैंक गारंटी पर लगने वाले स्टाम्प शुल्क को 0.25 प्रतिशत से घटाकर 0.05 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है। स्टाम्प शुल्क में इस बड़ी कटौती से मिलर्स की लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी और कार्यशील पूंजी पर पड़ने वाला बोझ घटेगा।मिलर्स संगठनों का मानना है कि इन फैसलों से मिलिंग प्रक्रिया अधिक सुगम, लागत प्रभावी और व्यावसायिक रूप से टिकाऊ बनेगी। साथ ही राज्य में धान उपार्जन और कस्टम मिलिंग व्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
राज्य सरकार का उद्देश्य इन निर्णयों के माध्यम से धान उपार्जन प्रणाली को सुदृढ़ करना, मिलर्स को प्रोत्साहन देना और खाद्य आपूर्ति श्रृंखला को और मजबूत बनाना है। कैबिनेट के इन फैसलों को मिलर्स के लिए नए साल से पहले बड़ी सौगात के रूप में देखा जा रहा है।




