छत्तीसगढ़

हिड़मा के बाद अब टारगेट में बारसा देवा

जगदलपुर। दक्षिण बस्तर में कुख्यात नक्सली कमांडर हिड़मा के खात्मे के बाद अब सुरक्षा एजेंसियों की निगाहें जिस नाम पर सबसे ज्यादा टिक गई हैं, वह है बारसा देवा। देवा भी उसी ओयोपारा गांव का रहने वाला है, जहां हिड़मा का घर था। दोनों मात्र चार किलोमीटर की दूरी पर पले-बढ़े और संगठन में लगभग एक ही समय पर सक्रिय हुए। अब जब हिड़मा की मौत ने नक्सल संगठन में बड़ा खालीपन पैदा किया है, तो यह अनुमान तेजी से मजबूत हो रहा है कि उसकी जगह भरने के लिए देवा को आगे लाया जा सकता है।

संगठन के भीतर चर्चा है कि हिड़मा के बाद बस्तर डिवीजन की कमान देवा को सौंपी जा सकती है। फिलहाल वह नक्सलियों की मिलिट्री दलम का प्रमुख है और पिछले कई वर्षों में बस्तर में हुए बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाता है। झीरम घाटी कांड, दंतेवाड़ा-सुकमा में हुए आईईडी ब्लास्ट और सुरक्षाबलों पर घात लगाकर किए गए कई हमलों में उसकी भूमिका पहले भी सामने आ चुकी है। सुरक्षा एजेंसियों की रिपोर्ट के मुताबिक, देवा बेहद चालाक, आक्रामक और संगठन के सैन्य विंग में सबसे प्रभावी चेहरा माना जाता है।

हाल ही में उसकी मां ने भी सार्वजनिक रूप से अपने बेटे से संगठन छोड़कर घर लौटने की अपील की थी, लेकिन देवा अब भी जंगलों में सक्रिय है। हिड़मा की मौत के बाद उसकी गतिविधि और ज्यादा बढ़ी है, जिससे साफ संकेत मिल रहे हैं कि वह अब संगठन के शीर्ष नेतृत्व में जगह बनाने की कोशिश कर रहा है। सुरक्षा एजेंसियां भी मान रही हैं कि अगले कुछ महीनों में देवा की भूमिका और प्रभाव दोनों तेजी से बढ़ सकते हैं।

फिलहाल बस्तर में नक्सल मोर्चे पर पुलिस और संगठनदोनों की नजर एक ही नाम पर अटकी हुई है, और वह नाम है बारसा देवा, जो हिड़मा के बाद नक्सली आंदोलन का नया पोस्टर बॉय बनकर उभरता दिख रहा है।

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CG Bulletin Desk1

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