छत्तीसगढ़

विजन – 2047 पर चर्चा के बीच सदन में तीखी नोकझोंक, अजय चंद्राकर ने अपने ही सरकार के मंत्री को घेरा

मंत्री जायसवाल हुए नाराज,दर्ज कराई आपत्ति

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के पहले दिन छत्तीसगढ़ अंजोर विजन–2047 पर व्यापक चर्चा के दौरान सदन में उस वक्त तीखी स्थिति बन गई, जब सत्ता पक्ष के ही वरिष्ठ विधायक अजय चंद्राकर और स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल आमने–सामने आ गए। विजन डॉक्यूमेंट पर बहस के बीच चंद्राकर के बयानों से नाराज होकर मंत्री जायसवाल ने खड़े होकर अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से आपत्ति दर्ज कराई और व्यक्तिगत आरोपों वाले अंश को कार्यवाही से विलोपित करने की मांग की।

अजय चंद्राकर ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश की 97 प्रतिशत आबादी के लिए ठोस नीति बनानी होगी। उन्होंने क्षेत्रीय वित्तीय असंतुलन को बड़ा मुद्दा बताते हुए पूछा कि रायगढ़, कोरबा और दंतेवाड़ा जैसे जिलों में जहां पर्याप्त फंड उपलब्ध हैं, वहीं अन्य जिलों के लिए संसाधन कैसे जुटाए जाएंगे। चंद्राकर ने स्पष्ट कहा कि किसी व्यक्ति या नीति का मूल्यांकन नियत से नहीं, बल्कि परिणाम से होना चाहिए।

सदन में बढ़ते तनाव के बीच मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने चंद्राकर के कथनों को व्यक्तिगत आरोप करार देते हुए कड़ा ऐतराज जताया। इस पर चंद्राकर ने पलटवार करते हुए कहा मुझे संसदीय नियम-प्रक्रिया मत सिखाइए। जवाब में मंत्री जायसवाल ने भी कहा— “मैं भी दो बार का विधायक हूं, मुझे भी नियम-प्रक्रिया मालूम है।”बहस के दौरान अजय चंद्राकर ने एनीमिया उन्मूलन को अभियान के रूप में शामिल न किए जाने पर भी सवाल उठाए। उन्होंने मेकाहारा में PET स्कैन की खरीदी का उल्लेख करते हुए कहा कि इसका उद्देश्य मध्य भारत का सबसे बड़ा कैंसर अस्पताल विकसित करना था। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि खरीदी में किसी तरह का भ्रष्टाचार साबित होता है, तो वे सजा भुगतने को भी तैयार हैं।

कुल मिलाकर, विजन–2047 जैसी दीर्घकालीन विकास योजना पर चर्चा के बावजूद सदन में सत्ता पक्ष के भीतर उभरा यह टकराव दिनभर चर्चा का विषय बना रहा।

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CG Bulletin Desk1

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