CGMSC की कार्यप्रणाली पर फिर उठे सवाल,बच्चों को बांटी गई 40 हजार अमानक सिरप की बोतलें

महासमुंद। प्रदेश में एक बार फिर अमानक दवा सप्लाई का मामला सामने आया है। इस बार बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल उठे हैं। जानकारी के अनुसार 9M कंपनी द्वारा तैयार किया गया पैरासिटामोल सस्पेंशन सिरप महासमुंद जिले के सरकारी अस्पतालों में सप्लाई किया गया था, जिसे अब अमानक घोषित किया गया है।
8 महीने बाद खुलासा, एक्सपायरी से दो महीने पहले प्रतिबंध
स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक सिरप की सप्लाई को 8 महीने बीतने के बाद उसकी जांच रिपोर्ट आई, जिसमें यह गुणवत्ता मानकों पर खरा नहीं उतरा।इसके बाद छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेज कॉर्पोरेशन ने एक्सपायरी से दो महीने पहले ही सिरप के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने का आदेश जारी किया।
पहली जांच में क्यों नहीं पकड़ी गई गड़बड़ी?
इस मामले ने CGMSC की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। दवा की पहली जांच में त्रुटि क्यों नहीं पकड़ी गई, इस पर मिलीभगत की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, दवा की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए अनदेखी की गई हो सकती है।
40 हजार से ज़्यादा बोतलें पहले ही बंट चुकीं
विभागीय पत्र के अनुसार, महासमुंद के सिविल सर्जन और अस्पताल अधीक्षकों को अमानक सिरप को तत्काल उपयोग से हटाने का निर्देश दिया गया है। अब तक सरकारी अस्पतालों में 40 हजार से अधिक बोतलें मरीजों को वितरित की जा चुकी हैं।
लगातार दूसरी बार CGMSC की भूमिका सवालों के घेरे में आई है। पहले भी दवा सप्लाई को लेकर गुणवत्ता पर सवाल उठ चुके हैं। अब इस नए मामले ने राज्य की स्वास्थ्य सुरक्षा और गुणवत्ता नियंत्रण प्रणाली की विश्वसनीयता पर गहरी चिंता खड़ी कर दी है।


