छत्तीसगढ़

बस्तर ओलंपिक 2025 कल से, विजेता खिलाड़ियों को राज्य की खेल अकादमियों में सीधा प्रवेश: डिप्टी CM अरुण साव

रायपुर। बस्तर में आयोजित होने जा रहा बस्तर ओलंपिक 2025 अब देश और प्रदेश की पहचान बन चुका है। इस बार आयोजन न सिर्फ खेल प्रतियोगिता तक सीमित रहेगा, बल्कि प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को राज्य स्तर की खेल अकादमियों में सीधा प्रवेश देने का भी प्रावधान किया गया है,ताकि खिलाड़ी राष्ट्रीय,अंतराष्ट्रीय स्तर तक पहुंच सके। आज प्रेस वार्ता में डिप्टी सीएम और खेल मंत्री अरुण साव ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन केवल खेल प्रतियोगिता नहीं, बल्कि युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने, पारंपरिक कला-संस्कृति को मंच देने और शांति व विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।

उपमुख्यमंत्री एवं खेल मंत्री अरुण साव ने कहा कि हमारी सरकार ने पिछले वर्ष बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया था, जिसमें युवाओं में अद्भुत जोश देखने को मिला था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘मन की बात’ में बस्तर ओलिंपिक का जिक्र किया। यह पूरे प्रदेश के लिए गर्व का क्षण था। बस्तर की कला और संस्कृति को देश-दुनिया में पहचान दिलाने का यह बेहतरीन अवसर है। विष्णुदेव साय की सरकार द्वारा इसे आगे बढ़ाने का निर्णय वाकई अद्भुत और प्रेरणादायी है। हमें विश्वास है कि बस्तर के युवा राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदेश का नाम रोशन करेंगे। गौरतलब है कि इस वर्ष बस्तर ओलिंपिक की शुरुआत कल से होगी और इसका समापन नवम्बर के अंत में होगा।

इस वर्ष ऐतिहासिक पंजीयन

डिप्टी सीएम साव ने बताया कि बस्तर ओलंपिक के पंजीयन में ऐतिहासिक बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 2024 में 1,65,000 प्रतिभागियों ने पंजीयन कराया था। 2025 में पंजीयन बढ़कर 3,91,297 प्रतिभागी तक पहुंचा है, जिसमें पुरुष खिलाड़ी 1,63,668,महिला खिलाड़ी 2,27,629 शामिल है। इस बार पंजीयन में तीन गुना से अधिक वृद्धि हुई है। महिला खिलाड़ियों की संख्या में भारी बढ़ोतरी इस आयोजन को नए सामाजिक आयाम देती है।

बस्तर ओलंपिक 2025 के मुख्य बिंदु

डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि इस वर्ष बस्तर ओलंपिक में 2000 से अधिक तकनीकी ऑफिशियल्स (रेफरी, जज आदि) की सेवाएं ली जाएंगी। साथ ही बस्तर ओलिंपिक 2025 में देश और प्रदेश के प्रसिद्ध खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाएगा। इसका उद्देश्य स्थानीय खिलाड़ियों को सीखने, प्रेरित होने और अपने खेल को निखारने का अवसर देना है। इन खिलाड़ियों की मौजूदगी से आयोजन को राष्ट्रीय पहचान और प्रतिष्ठा मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह आयोजन नक्सल हिंसा से प्रभावित युवाओं को खेल के माध्यम से जोड़ने की दिशा में निर्णायक कदम है। पैरा एथलीट्स और दिव्यांग खिलाड़ियों को भी प्रतियोगिताओं में समान अवसर दिया जा रहा है। इस वर्ष बस्तर ओलिंपिक 2025 में परंपरागत और आधुनिक खेलों का मिश्रण देखने को मिलेगा। जिन 11 प्रमुख खेलों को प्रतियोगिता में शामिल किया गया है। उनमें कबड्डी, वॉलीबॉल, हॉकी,बैडमिंटन,फुटबॉल,खो-खो,रस्साकशी, एथलेटिक्स (दौड़ व लंबी कूद सहित)तीरंदाजी के साथ पारंपरिक जनजातीय खेल प्रतियोगिताएँ शामिल की गई है।

7 जिलों के 32 विकासखण्डों में आयोजन।
62 से अधिक खेल मैदान तैयार किए जा रहे हैं।
11 खेलों में प्रतियोगिताएँ होंगी।
2000 से अधिक तकनीकी ऑफिशियल्स (रेफरी, जज आदि) की सेवाएं ली जाएंगी।
संभाग स्तरीय प्रतियोगिताओं को राष्ट्रीय स्तर की फिनिशिंग के साथ आयोजित किया जाएगा।
समापन समारोह में केंद्रीय मंत्री की उपस्थिति प्रस्तावित है।
प्रतियोगिताओं में देश और प्रदेश के प्रसिद्ध खिलाड़ियों को आमंत्रित किया जाएगा।
युवा आइकॉन के रूप में प्रेरक खिलाड़ियों की पहचान और प्रचार।

पुरस्कार और प्रोत्साहन

विकासखण्ड स्तर: विजेताओं को मेडल, ट्रॉफी और प्रमाणपत्र।
जिला स्तर: व्यक्तिगत खेल के लिए ₹2,000 और टीम इवेंट्स के लिए ₹4,000 का नगद पुरस्कार।
संभाग स्तर: व्यक्तिगत खेल के लिए ₹5,000 और टीम इवेंट्स के लिए ₹10,000 का पुरस्कार, साथ में स्पोर्ट्स वियर और शूज़।
उत्कृष्ट खिलाड़ियों को राज्य की खेल अकादमियों में सीधे प्रवेश का अवसर मिलेगा ताकि वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगे बढ़ सकें।

बस्तर ओलिंपिक ने अब तक हजारों युवाओं को खेलों से जोड़ते हुए क्षेत्र में भयमुक्त वातावरण और सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन की दिशा में मजबूत नींव रखी है। शासन, समाज और युवाओं की संयुक्त इच्छाशक्ति से यह आयोजन खेल, संस्कृति और शांति को साथ लाने वाला सशक्त मंच बन चुका है।

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CG Bulletin Desk1

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