भारतमाला प्रोजेक्ट घोटाला: ईडी ने रायपुर समेत कई जिलों के 9 ठिकानों पर दबिश दी

रायपुर। भारतमाला प्रोजेक्ट के भूमि अधिग्रहण मुआवजा घोटाले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी ईडी (Enforcement Directorate) ने रायपुर समेत कई जिलों में बड़े स्तर पर छापेमारी शुरू कर दी है। एजेंसी ने आज तकरीबन 9 अलग-अलग स्थानों पर दबिश दी है, जिनमें शासन की जमीन नीलामी, मुआवजा वितरण और धन के गलत हस्तांतरण से जुड़े दस्तावेज, बैंक विवरण और इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड जब्त किए जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने हरमीत सिंह खनूजा के लॉ विष्टा सोसाइटी स्थित आवास पर भी दबिश दी है। खनूजा को घोटाले में एक प्रमुख जमीन दलाल और कथित ‘मास्टरमाइंड’ बताया गया है, जिसके खिलाफ ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा) पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। इस मामले में कुल मिलाकर लगभग 62 करोड़ रुपये से अधिक की अनियमितताओं का खुलासा हुआ है, जिसमें कई भू-अर्जन मुआवजा राशि का गलत उपयोग और फर्जी दस्तावेज तैयार कर के लाभ उठाने के आरोप शामिल हैं।
भारतमाला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापत्तनम तक प्रस्तावित फोरलेन मार्ग के भूमि अधिग्रहण में, कुछ राजस्व अधिकारियों, जमीन दलालों और मध्यस्थों ने मिलीभगत कर किसानों की जमीन के रिकॉर्ड में हेराफेरी कर दी। एक ही जमीन को कई छोटे टुकड़ों में विभाजित कर बैक-डेटेड (पुरानी तारीख वाले) दस्तावेज तैयार किए गए, ताकि अधिक मुआवजा राशि पाने का मार्ग बन सके। इसके बाद अधिकांश मुआवजा राशि को फर्जी दावेदारों और सहयोगी खातों में ट्रांसफर कर दिया गया।
जांच एजेंसियों का कहना है कि ईडी की कार्रवाई अभी भी जारी है और घोटाले से जुड़े अन्य दस्तावेजों और लेनदेन के सबूत जुटाए जा रहे हैं। हरमीत खनूजा समेत कुछ मुख्य आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कई अन्य के खिलाफ पूछताछ और समन जारी है।
आगे की जांच से यह स्पष्ट होगा कि किस प्रकार यह सिस्टमेटिक मुआवजा घोटाला हुआ और शासन को कितना आर्थिक नुकसान पहुचाया गया है।



