कैग रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ के सार्वजनिक उपक्रमों में गवर्नेंस खामियां उजागर, स्मार्ट सिटी मिशन की धीमी प्रगति पर चिंता

बढ़ते घाटे, खातों में देरी और कमजोर निगरानी से सार्वजनिक धन पर असर: कैग
रायपुर। भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने छत्तीसगढ़ के राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों (SPSEs) में वित्तीय प्रदर्शन, कॉरपोरेट गवर्नेंस और परियोजना क्रियान्वयन से जुड़ी गंभीर खामियों को उजागर किया है। साथ ही, राज्य में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत परियोजनाओं के क्रियान्वयन में देरी, कमजोर निगरानी और उपलब्ध धनराशि के अपर्याप्त उपयोग पर भी गहरी चिंता जताई गई है।
मार्च 2023 को समाप्त अवधि के लिए तैयार कैग की ऑडिट रिपोर्ट संख्या-5 (वर्ष 2025) को संविधान के अनुच्छेद 151 के तहत 16 दिसंबर 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत किया गया। रिपोर्ट में राज्य सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों के प्रदर्शन का आकलन, स्मार्ट सिटी मिशन पर प्रदर्शन ऑडिट तथा छत्तीसगढ़ ग्रामीण आवास निगम लिमिटेड से संबंधित अनुपालन ऑडिट शामिल है।रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2023 तक राज्य में कुल 28 सार्वजनिक उपक्रम थे, जिनमें 26 कार्यरत और दो निष्क्रिय पाए गए। 30 सितंबर 2023 तक 25 उपक्रमों के 47 खाते लंबित थे, जिनमें कुछ मामलों में छह वर्ष तक की देरी दर्ज की गई। राज्य सरकार का इन उपक्रमों में कुल निवेश ₹7,579.09 करोड़ रहा, जबकि कुल निवेश ₹20,961.61 करोड़ था।जहां 10 उपक्रमों ने ₹879.22 करोड़ का लाभ दर्ज किया, वहीं 7 उपक्रमों को ₹1,143.10 करोड़ का घाटा हुआ। पांच प्रमुख उपक्रमों का संचयी घाटा ₹10,252.86 करोड़ तक पहुंच गया। ऑडिट में वित्तीय विवरणों की त्रुटियों के कारण लाभ, परिसंपत्तियों और देनदारियों पर भी बड़ा प्रभाव सामने आया।
कॉरपोरेट गवर्नेंस के मोर्चे पर भी कई चूक उजागर हुईं। अधिकांश उपक्रमों में निदेशक मंडल की अनिवार्य बैठकें, स्वतंत्र निदेशकों की नियुक्ति, ऑडिट समिति और सतर्कता तंत्र का अभाव पाया गया।
स्मार्ट सिटी मिशन के प्रदर्शन ऑडिट में कैग ने बताया कि ₹9,627.70 करोड़ की स्वीकृत लागत के मुकाबले 2016–17 से 2022–23 के बीच केवल 27 प्रतिशत परियोजनाओं के कार्यादेश जारी किए गए। मार्च 2023 तक मात्र 62 प्रतिशत कार्य पूरे हो सके, जिससे केंद्र सरकार के फंड में कटौती और राज्य के मिलान अनुदान में कमी आई।
कैग ने राज्य सरकार को घाटे में चल रहे उपक्रमों की त्वरित समीक्षा, खातों के समय पर अंतिम रूप, गवर्नेंस अनुपालन मजबूत करने और स्मार्ट सिटी विशेष प्रयोजन वाहनों में पूर्णकालिक नेतृत्व नियुक्त करने की सिफारिश की है।




