किसान मनबोध सरकार की किसान विरोधी नीति का शिकार – भूपेश बघेल

रायपुर। महासमुंद जिले के बागबाहरा निवासी किसान मनबोध गाड़ा द्वारा गला काटकर आत्महत्या का प्रयास किए जाने की घटना पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि किसान मनबोध सरकार की किसान-विरोधी नीति का शिकार हुए हैं। पूरे प्रदेश में धान खरीदी पूरी तरह अस्त-व्यस्त है। किसान इस अव्यवस्था को बिल्कुल भी स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं।
भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी केंद्रों में बारदाने की कमी है, तौल में गड़बड़ी की जा रही है, वजन कम आ रहा है, साढ़े सात तोले के लिए अवैध वसूली की जा रही है। किसानों को सबसे ज्यादा परेशानी टोकन व्यवस्था से हो रही है। ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों में किसान अपना टोकन नहीं कटवा पा रहे हैं। टोकन की लिमिट भी कम कर दी गई है। ऐसी स्थिति पूरे प्रदेश में फैली हुई है। उन्होंने बताया कि महासमुंद के बागबाहरा के मनबोध गाड़ा एक एकड़ 40 डिसमिल के छोटे किसान हैं। वे लगातार चॉइस सेंटर और समिति में टोकन कटवाने के लिए चक्कर लगा रहे थे। कई दिनों से संघर्ष के बावजूद टोकन नहीं कट पाया, जिससे निराश होकर उन्होंने गला काट लिया। यह दर्दनाक और पीड़ा देने वाली घटना है। पहली बार किसान को इस स्थिति में पहुँचाने की ज़िम्मेदारी सत्तारूढ़ विष्णुदेव साय सरकार की है। यह कृषि नीति के गाल पर करारा तमाचा है।
आज कांग्रेस का प्रतिनिधि मंडल प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत एवं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल रायपुर के मेकाहारा अस्पताल पहुँचा। प्रतिनिधिमंडल ने किसान मनबोध गाड़ा के परिजनों से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि धान खरीदी के समय टोकन न कटने की वजह से किसान ने गला रेतने को मजबूर होना पड़ा। यह अत्यंत दुखद स्थिति है। कांग्रेस पार्टी किसान परिवार के साथ खड़ी है और हर संभव सहायता की जाएगी।




