छत्तीसगढ़ में पहली बार बदले टेंडर नियम, ठेकेदारों की मिलीभगत पर लगेगी रोक

रायपुर – सड़क और अन्य बड़े निर्माण कार्यों में ठेकेदारों की सांठगांठ रोकने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया है। राज्य गठन के बाद पहली बार टेंडर प्रक्रिया के नियमों में संशोधन किया गया है। अब यदि ठेकेदार मिलकर एक जैसा रेट भी डालेंगे, तो उनमें से किसी एक को एल-1 (Lowest Bidder) माना ही जाएगा और उसे काम करना ही पड़ेगा।
क्यों बदले गए नियम
हाल के वर्षों में देखा गया कि कई ठेकेदार आपस में मिलकर एक जैसा रेट डाल देते थे, जिससे टेंडर अपने आप कैंसिल हो जाता था। इसके बाद सरकार को रीटेंडर करना पड़ता था, जिससे काम शुरू होने में महीनों की देरी होती थी। सबसे ताज़ा उदाहरण राजनांदगांव से मोहला-मानपुर सड़क निर्माण का है, जहां ठेकेदारों की मिलीभगत से रीटेंडर की वजह से काम बुरी तरह लटका रहा। इसी प्रवृत्ति को रोकने के लिए पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD) ने नए संशोधन लागू किए हैं। विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह ने इसकी पुष्टि की है।
क्या है नया नियम
शासन ने डिटेल्ड नोटिस इनवाइटिंग टेंडर (DNIT) की कंडिका 4.6 और लंपसम कांट्रेक्ट फार्म-एफ की कंडिका 2.9 में संशोधन किया है। अब यदि दो या अधिक ठेकेदार एक ही न्यूनतम रेट (Lowest Rate) कोट करते हैं, तो टेंडर कैंसिल नहीं होगा। उस ठेकेदार को काम मिलेगा जिसकी बिड कैपेसिटी (Bid Capacity) अधिक होगी। बिड कैपेसिटी काम करने की वास्तविक क्षमता और संसाधनों के आधार पर तय होगी, जो हर ठेकेदार की अलग-अलग होती है। एल-1 होने वाले ठेकेदार को काम करना अनिवार्य होगा।
अर्नेस्ट मनी में बढ़ोतरी
इसके साथ ही सरकार ने अर्नेस्ट मनी (जमानत राशि) भी काफी बढ़ा दी है। अब कोई ठेकेदार यदि टेंडर जीतने के बाद काम छोड़ना चाहेगा, तो उसे भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा। इससे ठेकेदार मजबूरी में भी तय समय पर काम शुरू करेंगे।तत्काल प्रभाव से लागूअधिकारियों ने बताया कि यह संशोधन तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। अब भविष्य के सभी टेंडर इसी नए नियम के आधार पर होंगे। सरकार का मानना है कि इस कदम से न केवल ठेकेदारों की मिलीभगत रुकेगी, बल्कि समय पर निर्माण कार्य पूरे होने से जनता को भी राहत मिलेगी।
बड़ा असर दिखेगा
सड़क, पुल और अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में अब देरी कम होगी। ठेकेदारों पर दबाव रहेगा कि वे ईमानदारी से प्रतिस्पर्धा करें। सरकार को बार-बार रीटेंडर की स्थिति का सामना नहीं करना पड़ेगा।




