बस्तर में बोले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह – 31 मार्च 2026 तक नक्सलियों का पूरा सफाया

मुरिया दरबार में लोगों की समस्याएं सुनी
जगदलपुर। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह शनिवार को बस्तर दशहरा 2025 के लोकोत्सव कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने मंच से फिर दोहराया कि “31 मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा।” शाह ने नक्सलियों से अपील करते हुए कहा कि वे हथियार डालकर समाज की मुख्यधारा से जुड़ें और सरकार की पुनर्वास नीति का लाभ उठाएं। शाह ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सरेंडर पॉलिसी पूरे देश में सबसे अच्छी पॉलिसी है,इससे प्रभावित होकर बड़ी संख्या में नक्सली समर्पण कर रहे है। शाह ने कहा कि बस्तर में तेजी से नक्सल कम हो रहा है,और यहां बस्तर दशहरा पर्व पूरी आन बान शान से मनाया जा रहा है। न सिर्फ बस्तर दशहरा बल्कि बस्तर ओलंपिक,बस्तर पण्डुम जैसे आयोजन हो रहे है। खास बात ये है कि इस बार पूरे देश के आदिवासी बस्तर ओलंपिक में शामिल होने आ रहे है।
गृहमंत्री शाह ने कहा कि बस्तर की संस्कृति और लोकतांत्रिक परंपराओं को देखकर वे अभिभूत हैं। उन्होंने कहा कि “यदि आज मैं बस्तर न आता तो मुरिया दरबार के लोकतांत्रिक मूल्यों को कभी समझ न पाता।”शाह ने मंच से बताया कि उन्हें लगता था भगवान जगन्नाथ के रथ को बनाने में सबसे लंबा समय लगता होगा, लेकिन आज सुबह सीएम विष्णुदेव साय ने जानकारी दी कि बस्तर दशहरा में मां दंतेश्वरी के रथ को बनाने में सबसे अधिक समय लगता है।

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार आदिवासियों की हितैषी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का उदाहरण देते हुए शाह ने कहा कि “आज एक गरीब घर की आदिवासी बेटी देश की राष्ट्रपति है और जब वे दुनिया के राष्ट्राध्यक्षों से मिलती हैं, तो पूरा देश गौरवान्वित महसूस करता है।”
इसके साथ ही शाह ने मंच से स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि “यदि पूरा देश अधिक से अधिक स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करेगा, तो भारत आर्थिक रूप से और मजबूत बनेगा।”
उन्होंने जीएसटी 2.0 के सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि इसके चलते रोजमर्रा की कई चीजें सस्ती हुई हैं और इसका बड़ा लाभ देश की जनता को मिला है। बस्तर दशहरा के इस लोकोत्सव में शामिल होकर शाह ने कहा कि यहां की परंपराएँ और संस्कृति भारत की आत्मा को मजबूती देती हैं।



