छत्तीसगढ़ को अलग राज्य बनाने के प्रस्ताव का मैंने भी समर्थन किया था – उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन

रायपुर। नवा रायपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ रजत महोत्सव के समापन समारोह में देश के उपराष्ट्रपति सी. पी. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।उन्होंने कहा “मैं गर्व से कहना चाहता हूं कि जब संसद में छत्तीसगढ़ को पृथक राज्य बनाने का प्रस्ताव आया था, तब मैंने उसका समर्थन किया था। आज इस राज्य की 25 साल की प्रगति देखकर अपार प्रसन्नता हो रही है।उन्होंने रजत महोत्सव को केवल उत्सव नहीं, बल्कि विकसित छत्तीसगढ़ के माध्यम से विकसित भारत के संकल्प का प्रतीक बताया।
🌿 विकास और विश्वास ने भय और हिंसा को किया समाप्त
उपराष्ट्रपति ने नक्सलवाद पर नियंत्रण में छत्तीसगढ़ की सफलता की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के दृढ़ नेतृत्व, तथा राज्य सरकार व स्थानीय समुदायों की सामूहिक इच्छाशक्ति से छत्तीसगढ़ में “विकास और विश्वास ने भय और हिंसा का स्थान ले लिया है।
🌾 जनजातीय समाज: संस्कृति और विरासत के संरक्षक
उपराष्ट्रपति ने कहा कि आदिवासी समाज छत्तीसगढ़ की आत्मा है। उन्होंने जनजातीय समुदायों की संस्कृति, बुद्धिमत्ता और सतत जीवनशैली को आज के पर्यावरणीय युग में अनुकरणीय बताया।
🏗️ बुनियादी ढांचे और नई अर्थव्यवस्था की दिशा में अग्रसर छत्तीसगढ़
उन्होंने कहा कि राज्य की सड़क, रेल और हवाई कनेक्टिविटी ने छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय बाजारों से जोड़ा है।नवा रायपुर को उन्होंने भारत के पहले ग्रीनफील्ड स्मार्ट सिटी के रूप में सराहा और कहा कि यह शहर आईटी, एआई, फार्मा और हेल्थ सेक्टर में वैश्विक केंद्र बनने की क्षमता रखता है।
अंजोर विज़न @2047 और भविष्य की दिशा: उपराष्ट्रपति ने राज्य के “अंजोर विज़न @2047” की प्रशंसा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सेमीकंडक्टर निर्माण, डिजिटल गवर्नेंस और हरित प्रौद्योगिकियों में निवेश कर विकसित भारत की परिकल्पना को साकार कर रहा है।
संस्कृति और आधुनिकीकरण का संतुलन: उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ ने अपनी सांस्कृतिक जड़ों को संभालते हुए आधुनिकता को अपनाया है। पंथी और कर्मा जैसे पारंपरिक नृत्यों, तथा जनजातीय कला-शिल्प की समृद्ध परंपरा की सराहना करते हुए उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ विविधता में एकता की भारतीय भावना का जीवंत उदाहरण है।
युवाओं से राष्ट्र निर्माण का आह्वान: उपराष्ट्रपति राधाकृष्णन ने कहा कि प्रगति केवल जीडीपी से नहीं, बल्कि लोगों के चेहरों की मुस्कान और बच्चों की आँखों की चमक से मापी जाती है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, हरित तकनीक और वैश्विक अवसरों का लाभ उठाकर साहस और करुणा के साथ राष्ट्र निर्माण में योगदान दें।
समारोह में उपस्थित गणमान्यजन:राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, तथा राज्य सरकार के वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी उपस्थित रहे।




