छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़: भारत माला मुआवजा घोटाले में केंद्र सरकार की एंट्री, राज्य से मांगी पूरी रिपोर्ट

रायपुर: छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना (Bharatmala Project) के अंतर्गत भूमि अधिग्रहण में हुए मुआवजा घोटाले का मामला अब केंद्र सरकार तक पहुंच गया है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने राज्य सरकार से इस पूरे घोटाले की विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।

राज्य सरकार ने मंत्रालय को कलेक्टरों द्वारा की गई प्रारंभिक जांच पर आधारित अंतरिम रिपोर्ट भेज दी है। इसके अलावा सरकार ने इस मामले की जांच संभागीय आयुक्तों (Commissioners) से भी कराई जा रही है। अंतिम रिपोर्ट तैयार होने के बाद केंद्र को सौंप दी जाएगी।

कहां-कहां सामने आया घोटाला

भारत माला परियोजना के तहत छत्तीसगढ़ में बनने वाली राष्ट्रीय राजमार्ग की सड़क धमतरी, कांकेर, कोंडागांव, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव, दुर्ग, बिलासपुर और जांजगीर-चांपा जिलों से होकर गुजरनी है।

भूमि अधिग्रहण (Land Acquisition) की प्रक्रिया के दौरान हुई अनियमितताओं की शिकायतों के बाद जांच की गई। रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ राजस्व विभाग के अधिकारी नियम विरुद्ध तरीके से मुआवजा राशि बांटने में शामिल थे। इस पर कुछ अफसरों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा चुकी है।

ईओडब्ल्यू और एसीबी भी कर रही जांच

राज्य सरकार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए EOW (Economic Offences Wing) और ACB (Anti-Corruption Bureau) से भी जांच कराई है। अब यह मामला तेजी से राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है।

रायपुर–विशाखापट्टनम हाईवे पर गड़बड़ी

केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी भारत माला परियोजना के तहत रायपुर से विशाखापट्टनम तक 463 किलोमीटर लंबा हाईवे बनाया जा रहा है। इसमें छत्तीसगढ़ से होकर गुजरने वाले 124 किलोमीटर हिस्से का निर्माण तीन अलग-अलग कंपनियों द्वारा किया जा रहा है।

यह सड़क नया रायपुर (Naya Raipur) से भी होकर गुजर रही है, जिसके लिए किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई थी। इसी प्रक्रिया में करोड़ों रुपये का मुआवजा घोटाला सामने आया है।

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CG Bulletin Desk1

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