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पीएम मोदी जन्मदिन विशेष: संघर्ष, शिखर और छत्तीसगढ़ से जुड़ाव-एक रिपोर्ट

रायपुर – आज 17 सितंबर 2025 भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी अपना 75वां जन्मदिन मना रहे है। यह दिन केवल उनके व्यक्तिगत उपलब्धियों का उत्सव नहीं, बल्कि एक साधारण चायवाले से वैश्विक मंच पर भारत को शिखर तक ले जाने वाले नेता की प्रेरणादायक गाथा है। विशेष रूप से, अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा 2000 में गठित छत्तीसगढ़ को मोदी जी ने अपने नेतृत्व में विकास की नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। यह कहानी उनके बचपन के संघर्ष, राजनीतिक उत्थान और छत्तीसगढ़ को संवारने के संकल्प की है।

बचपन का संघर्ष: चाय बेचने से राष्ट्रसेवा तक

1950 में गुजरात के वडनगर में जन्मे नरेंद्र मोदी का बचपन आर्थिक तंगी में बीता। पिता दामोदरदास की चाय की दुकान पर मां हीराबेन के साथ वे चाय बेचते थे। स्कूल के बाद वडनगर स्टेशन पर चाय की थैलियां बेचना उनकी दिनचर्या थी। किताबों और वाद-विवाद से प्रेम ने उनके व्यक्तित्व को निखारा। आठ साल की उम्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़कर उन्होंने अनुशासन और राष्ट्रप्रेम सीखा। किशोरावस्था में घर छोड़कर हिमालय की यात्रा और RSS प्रचारक बनने का फैसला उनके जीवन का पहला टर्निंग पॉइंट था।

राजनीतिक सफर: RSS से BJP और गुजरात CM तक

1970 के दशक में RSS प्रचारक के रूप में मोदी जी ने गुजरात में संगठन को मजबूत किया। 1975 के आपातकाल में भूमिगत होकर उन्होंने सिख, साधु जैसे वेश में विरोधी साहित्य छापा और राजनीतिक शरणार्थियों की मदद की। उनकी पुस्तक ‘संघर्षमा गुजरात’ इस दौर का जीवंत दस्तावेज है। 1987 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) में शामिल होकर वे गुजरात के संगठन महामंत्री बने। राम रथ यात्रा (1990) और एकता यात्रा (1991-92) में उनकी रणनीति ने BJP को राष्ट्रीय पहचान दिलाई। 7 अक्टूबर 2001 को वे पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने। ‘वाइब्रेंट गुजरात’ जैसे अभियानों से उन्होंने राज्य को आर्थिक हब बनाया। 2002 के दंगों के बाद सुप्रीम कोर्ट की क्लीन चिट ने उनके नेतृत्व को और मजबूती दी।

PM बनने का सफर: भारत को नई दिशा

2014 में ‘अच्छे दिन आएंगे’ के नारे के साथ मोदी जी भारत के 14वें प्रधानमंत्री बने। 2019 और 2024 में NDA की लगातार जीत ने उनके नेतृत्व को सशक्त किया। डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया और COVID वैक्सीनेशन, आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर जैसे कदमों ने भारत को वैश्विक शक्ति बनाया।

अटल जी का छत्तीसगढ़, मोदी जी का संकल्प

2000 में अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ को नया राज्य बनाकर इसकी नींव रखी। 15 साल रमन सरकार ने अटल जी के छत्तीसगढ़ को नई ऊंचाई दी, उसके बाद PM मोदी ने सीएम साय के नेतृत्व वाले छत्तीसगढ़ को संवारने के लिए केंद्र का खजाना खोल दिया। 2014 से अब तक छत्तीसगढ़ को 1,20,000 करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाएं मिलीं। 2023 में 7,600 करोड़ की रेल परियोजनाएं, 2024 में 34,400 करोड़ की कोयला-सोलर परियोजनाएं, और मार्च 2025 में बिलासपुर में 33,700 करोड़ की परियोजनाएं (PMAY के 3 लाख घर, रेल विद्युतीकरण, PM-SHRI स्कूल) शुरू हुईं।

मार्च 2026 तक नक्सलमुक्त हो जाएगा छत्तीसगढ़

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार और छत्तीसगढ़ की विष्णु देव साय सरकार ने नक्सलवाद के खिलाफ ऐतिहासिक लड़ाई को तेज कर दिया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्पष्ट घोषणा की है कि मार्च 31, 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सलमुक्त कर दिया जाएगा। इस दिशा में सरकार लगातार आगे बढ़ रही है।

रजत जयंती वर्ष में खास होगी पीएम मोदी की मौजूदगी

इस साल छत्तीसगढ़ अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है, जो 1 नवंबर 2000 को राज्य के गठन की 25वीं वर्षगांठ का प्रतीक है। अटल बिहारी वाजपेयी द्वारा स्थापित इस राज्य को रमन सिंह की 15 साल की सरकार ने विकास की ऊंचाइयों पर पहुंचाया, और अब नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विष्णु देव साय सरकार इसे नई दिशा दे रही है। रजत जयंती वर्ष स्वर्णिम बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को दो दिवसीय दौरे पर रायपुर पहुंचेंगे,और 1 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रूप में शामिल होंगे। यह दौरा न केवल राज्य के विकास को गति देगा, बल्कि नक्सलमुक्त भारत के संकल्प को भी मजबूत करेगा।

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CG Bulletin Desk1

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