
धातुकला में उत्कृष्ट योगदान के लिए मिला सम्मान
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की पारंपरिक कला को राष्ट्रीय स्तर पर एक और बड़ी पहचान मिली है। नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में आयोजित समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने आज छत्तीसगढ़ की शिल्पकार हीराबाई झरेका बघेल को राष्ट्रीय हस्तशिल्प पुरस्कार से सम्मानित किया।
हीराबाई झरेका बघेल जगदलपुर निवासी हैं, लंबे समय से धातुकला (Metal Craft) के क्षेत्र में कार्य कर रही हैं। उन्होंने अपनी कला के माध्यम से बस्तर की पारंपरिक धरोहर को न केवल संरक्षित किया है बल्कि उसे नई पहचान भी दिलाई है।
राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त करना उनके कठिन परिश्रम, कौशल और वर्षों की समर्पित साधना का प्रमाण है। बस्तर की विशिष्ट धातुकला शैली को देशभर में पहचान दिलाने में उनका योगदान उल्लेखनीय माना जाता है।समारोह के दौरान देशभर के कलाकारों को सम्मानित किया गया, लेकिन छत्तीसगढ़ के लिए यह सम्मान विशेष रहा, क्योंकि इससे राज्य की कला-संस्कृति को राष्ट्रीय मंच पर और अधिक मजबूती मिली है।



