छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र: 25 वर्षों की संसदीय यात्रा पर भावुक पल, हंसी-ठिठोली और नेताओं के तीखे-सरल संस्मरण

संसदीय यात्रा पर विशेष सत्र, नेताओं ने साझा किए अनुभव

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया गया, जिसमें प्रदेश की 25 वर्ष की संसदीय यात्रा पर व्यापक चर्चा हुई। सत्ता और विपक्ष—दोनों पक्षों के वरिष्ठ विधायकों ने अपने संस्मरण, संघर्ष, उपलब्धियां और सदन से जुड़े रोचक प्रसंग साझा किए। चर्चा के दौरान सदन कई बार भावुक स्मृतियों से भर उठा तो कई बार ठहाकों से गूंजता रहा।

BJP विधायक अजय चंद्राकर ने चर्चा की शुरुआत करते हुए अविभाजित मध्यप्रदेश के दौर की कार्यवाही, छत्तीसगढ़ निर्माण के शुरुआती संघर्ष और टेंट में चली पहली विधानसभा का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 25 वर्षों में छत्तीसगढ़ ने विकास की नई ऊंचाइयां छुई हैं।

अजय चंद्राकर ने कहा छत्तीसगढ़ विधानसभा ने अपनी संसदीय परंपरा के लिए पूरे देश में अलग पहचान बनाई है। 25 वर्षों की यह यात्रा लोकतांत्रिक मूल्यों की सुदृढ़ता की यात्रा है। उन्होंने विशेष रूप से सदन की अनुशासन संस्कृति का जिक्र करते हुए कहा यहां स्वअनुशासन की परंपरा स्थापित की गई है। हमने बनाए नियमों का पालन करते हुए पूरे देश के सामने उदाहरण पेश किया है। गर्भगृह में प्रवेश करने वाला विधायक स्वमेव निलंबित हो जाता है। यह प्रावधान पूरे देश में सिर्फ छत्तीसगढ़ विधानसभा में है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा आप में छत्तीसगढ़ के लिए कुछ करने की आग थी, लेकिन कई अच्छी योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गईं, बदनामी आपके हिस्से आई, पर आग अभी भी है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी सदन में अपने संस्मरण साझा किए। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ पहले सीपी बरार का हिस्सा था, फिर मध्यप्रदेश में शामिल हुआ। जशपुर हॉल में टेंट के भीतर पहली विधानसभा लगी थी। बघेल ने कहा मिंटो हॉल से शुरू हुई यह यात्रा अब नए विधानसभा भवन में प्रवेश कर रही है, यह इतिहास का बड़ा पड़ाव है। राज्य निर्माण के प्रस्ताव को कांग्रेस सरकार ने ही केंद्र भेजा था, और यह यात्रा सभी पक्षों के सहयोग से पूरी हुई। उनके कार्यकाल में नक्सलवाद पर एक भी ध्यानाकर्षण नहीं आया,इसे उन्होंने नीतिगत सफलता बताया। धान बोनस पर बोले आज आप 3100 रुपये दे रहे हैं, मन नहीं फिर भी दे रहे हैं… यह हमारे कार्यकाल की देन है। बघेल ने गर्भगृह में प्रवेश पर स्वमेव निलंबन नियम और बृजमोहन अग्रवाल के उसके पालन का भी जिक्र किया।

सत्र में विधायकों ने माना कि इन 25 वर्षों में सदन किसानों, मजदूरों, युवाओं से लेकर हर वर्ग की आवाज बना। नक्सलवाद से लेकर बड़े सामाजिक-आर्थिक मुद्दों पर सदन एकजुट खड़ा रहा।

25 वर्ष विधानसभा ही नहीं, जनता की उम्मीदों की यात्रा-CM साय

छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष एकदिवसीय सत्र में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य की 25 साल की संसदीय यात्रा को “जनता की उम्मीदों का इतिहास” बताते हुए अपना विस्तृत उद्बोधन दिया। उन्होंने कहा कि यह सदन केवल बहस का केंद्र नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ की आकांक्षाओं का आधार रहा है।

CM साय ने शुरुआत में कहा 25 वर्षों तक यह विधानसभा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की जनता के आशाओं और उम्मीदों का केंद्र रहा है। अनुभव-स्मरण के लिए अवसर देने हेतु मैं विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह का आभार व्यक्त करता हूं। उन्होंने अजय चंद्राकर और नेता प्रतिपक्ष द्वारा साझा किए गए अनुभवों का उल्लेख करते हुए कहा कि यह सत्र लोकतांत्रिक परंपरा की मजबूती का प्रतीक है।

अटल बिहारी वाजपेयी को नमन: छत्तीसगढ़ के निर्माता को धन्यवाद मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में छत्तीसगढ़ राज्य के निर्माता अटल बिहारी वाजपेयी को नमन करते हुए कहा अटल जी ने छत्तीसगढ़ बनाया, पहचान दी और सपनों को दिशा दी। हम सब उनके प्रति कृतज्ञ हैं। उन्होंने कहा कि 1 नवंबर 2000 से पहले प्रदेश उपेक्षा का शिकार था।

सरगुजा सहित कई क्षेत्रों में भुखमरी सबसे बड़ा अभिशाप था। कई परिवार कोदो-कुटकी के सहारे जीवित रहते थे। कोरवा जनजाति में भूख से मौतों की जांच विधानसभा समिति ने की थी। उसके बाद बनी फूड सेक्युरिटी नीति मिली जुली सफलता की मिसाल बनी तभी आपको लोग चाउर वाले बाबा कहने लगे।

CM साय ने बताया कि अटल शासनकाल में प्रदेश कोIIIT, IIT, AIIMS, स्कूल–कॉलेज, सड़क–पानी–बिजली जैसे बुनियादी ढांचे की मजबूत नींव मिली।उन्होंने कहा कि 32% आदिवासी आबादी के सशक्तिकरण के लिए अलग विभाग भी बनाया गया था।

किसान–गरीब–आदिवासी केंद्रित योजनाओं का जिक्र: CM साय ने कहा छत्तीसगढ़ धान का कटोरा है; किसानों के लिए KCC योजना अटलजी की देन है।गरीबों के लिए प्रधानमंत्री आवास, 21 क्विंटल धान की 3100 रु. प्रति क्विंटल पर खरीदी,70 लाख से अधिक माता–बहनों के लिए महतारी वंदनतेंदूपत्ता (हरा सोना) के दाम में वृद्धि चरण पादुका योजना की पुनः शुरुआत-

सदन की अनोखी परंपरा—स्वमेव निलंबन: मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेष अनुशासन परंपरा का उल्लेख करते हुए कहाबेल में प्रवेश करने पर स्वतः निलंबन का नियम पूरे देश में केवल छत्तीसगढ़ में है। यह इस सदन की मर्यादा और अनुशासन का प्रतीक है।

नया विधानसभा भवन और विकास की नई यात्रा

सीएम साय ने कहा कि 1 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नया विधानसभा भवन लोकार्पित किया गया, जो प्रदेश की प्रगतिशील सोच का प्रतीक है। उन्होंने कहासारा देश कहता है—छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। यह हमारी संस्कृति और मेहनतकश समाज की पहचान है।

नक्सलवाद पर बड़ी सफलता, ऊर्जा क्षेत्र में नए कदम: मुख्यमंत्री ने दावा किया कि पिछले दो वर्षों में सुरक्षा बलों की मुस्तैदी से नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता मिली है। ऊर्जा क्षेत्र पर उन्होंने कहा—सूर्य घर योजना को बढ़ावा प्रदेश को मुफ्त बिजली की ओर ले जा रहे। हाफ बिजली योजना में फ्री यूनिट 100 से बढ़ाकर 200 करने का निर्णय लिया गया।अंत में मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारी–कर्मचारियों और सदन के सदस्यों को धन्यवाद देते हुए उद्बोधन समाप्त किया।

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CG Bulletin Desk1

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