जाने कौन था बालकृष्ण,जिस पर था 1 करोड़ का इनाम, जिसने ओडिशा-छत्तीसगढ़ दहला दिया

गरियाबंद/रायपुर – छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के मैनपुर थाना क्षेत्र के जंगलों में शुक्रवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए बड़े एनकाउंटर में 10 नक्सलियों के साथ मोडेम बालकृष्ण उर्फ मनोज मारा गया। यह मुठभेड़ STF, कोबरा कमांडो और राज्य पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में हुई।
कौन था मोडेम बालकृष्ण?
मोडेम बालकृष्ण उर्फ़ मनोज (CPI–Maoist नेता) का जन्म तेलंगाना (पूर्व में आंध्र प्रदेश) के नलगोंडा ज़िले में हुआ था। वही इलाका है जहाँ से उन्होंने छात्र राजनीति में सक्रियता शुरू की और 1980 के दशक की शुरुआत में माओवादी आंदोलन से जुड़ गए। बाद में वे ओडिशा–छत्तीसगढ़ सीमा पर सक्रिय रहे और संगठन में केंद्रीय समिति सदस्य तक बना।
संगठन में वह बलन्ना, रामचंदर, भास्कर के नामों से जाना जाता था 1980 के दशक में एक छात्र आंदोलनकारी के रूप में शुरुआत की और धीरे-धीरे माओवादी संगठन में शीर्ष पद तक पहुंचा।
🔴 बड़े हमलों का साजिशकर्ता
2008 का नयागढ़ हमला – जिसमें पुलिस और सुरक्षाबल के कई जवान शहीद हुए थे।
बलिमेला जलाशय हमला – ग्रेहाउंड कमांडो से भरी नाव पर हमला, जिसमें दर्जनों जवान मारे गए।
ओडिशा और छत्तीसगढ़ की सीमा पर बने KKBN और BGN डिवीजन का संचालन।
इनामी और संगठन में ताकत
बालकृष्ण पर ₹1 करोड़ का इनाम घोषित था। उसे CPI (Maoist) के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में से एक माना जाता था। माओवादी राजनीति में उसकी छवि एक “कठोर लेकिन रणनीतिक नेता” की रही है।
नक्सलियों के लिए बड़ा झटका
गरियाबंद की इस मुठभेड़ को माओवादी संगठन के लिए सबसे बड़ी क्षति माना जा रहा है। सुरक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, मोडेम बालकृष्ण की मौत से नक्सलियों की रणनीतिक क्षमता, भर्ती और इलाके में पकड़ कमजोर होगी।



