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82 वर्षीय दादी बनीं पावरलिफ्टिंग चैंपियन, पूर्व सैनिकों को मिलेगा मुफ्त आयुष इलाज – लाइफस्टाइल जगत की प्रेरक कहानियाँ

लाइफस्टाइल डेस्क -आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में जहां लोग छोटी उम्र में ही थकान, तनाव और बीमारियों का शिकार हो रहे हैं, वहीं कुछ प्रेरणादायी कहानियाँ हमें यह विश्वास दिलाती हैं कि सही जीवनशैली, अनुशासन और सकारात्मक सोच से असंभव को भी संभव किया जा सकता है।

82 वर्षीय तमिलनाडु की दादी ने बनाया पावरलिफ्टिंग रिकॉर्ड,तमिलनाडु की कित्तम्मल वी (Kittammal V) ने यह साबित कर दिया कि उम्र महज एक संख्या है।

  • उन्होंने राज्य स्तरीय पावरलिफ्टिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर न केवल भागीदारी की बल्कि रिकॉर्ड भी तोड़ा।
  • 82 साल की उम्र में उनकी यह उपलब्धि युवाओं के लिए बड़ी प्रेरणा है।
  • उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने सोशल मीडिया पर उनकी तारीफ करते हुए लिखा कि “सच्ची शक्ति उम्र की मोहताज नहीं होती।”

पूर्व सैनिकों को मिलेगा मुफ्त आयुष इलाज –

रक्षा मंत्रालय और पतंजलि योगग्राम के बीच हुए ऐतिहासिक समझौते के तहत: लगभग 60 लाख पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों को मुफ्त आयुष चिकित्सा सुविधा मिलेगी। इस पहल में आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा के जरिए सैनिकों और उनके परिजनों को लाभ मिलेगा। यह कदम भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने और सैनिकों को सम्मान देने की दिशा में एक बड़ी पहल मानी जा रही.

हड्डी के ट्यूमर से जंग जीतकर 12 साल के बच्चे ने किया 12,500 फीट ट्रेक

  • उत्तराखंड के पहाड़ों में एक 12 वर्षीय लड़के ने 12,500 फीट ऊँचाई पर ट्रेक पूरा किया।
  • यह बच्चा हाल ही में बोन ट्यूमर सर्जरी से गुज़रा था, लेकिन उसने हार नहीं मानी।
  • डॉक्टरों का कहना है कि उसकी यह यात्रा उन मरीजों के लिए एक बड़ा संदेश है जो बीमारियों से जूझ रहे हैं—“मन की ताकत सबसे बड़ी दवा है।”

इन तीनों खबरों से यह साफ संदेश मिलता है कि:अनुशासन और सकारात्मक सोच से उम्र कोई बाधा नहीं। पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियाँ भी आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ मिलकर बड़ा परिवर्तन ला सकती हैं। हिम्मत और संकल्प से कोई भी चुनौती पार की जा सकती है।

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CG Bulletin Desk1

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