छत्तीसगढ़

मुस्लिम समाज गरबा से दूरी बनाए:डॉ. सलीम राज

युवाओं को पत्र लिखकर की अपील

रायपुर – छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. सलीम राज ने नवरात्रि पर्व के अवसर पर मुस्लिम समाज के युवाओं को संबोधित करते हुए एक खुला पत्र जारी किया है। इसमें उन्होंने अपील की है कि मुस्लिम समाज गरबा जैसे आयोजनों से दूरी बनाए रखे, क्योंकि यह देवी दुर्गा की आराधना का पर्व है और मूर्ति पूजा में मुस्लिम समाज की आस्था नहीं है।

गरबा सिर्फ नृत्य नहीं, देवी की आराधना

डॉ. सलीम राज ने स्पष्ट किया कि गरबा कोई साधारण नृत्य कार्यक्रम नहीं है, बल्कि यह देवी दुर्गा की आराधना के लिए किया जाने वाला भक्ति लोकनृत्य है। उन्होंने कहा कि गरबा जीवन के चक्र और देवी की शक्ति का प्रतीक है, इसलिए मुस्लिम युवाओं को धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए ऐसे आयोजनों से दूर रहना चाहिए।

अनुमति लेकर भागीदारी संभव

हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई मुस्लिम भाई-बहन वेशभूषा और परंपरा का सम्मान करते हुए आयोजन समिति से अनुमति लेकर शामिल होना चाहते हैं, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होगी। लेकिन गलत नीयत से गरबा स्थलों में प्रवेश कर उपद्रव करना हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुँचाने वाला है और सामाजिक सौहार्द के लिए खतरा बन सकता है।

वक्फ बोर्ड अध्यक्ष ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे छत्तीसगढ़ की गंगा-जमुनी तहज़ीब का सम्मान करें और नवरात्रि जैसे पर्व पर प्रदेश में शांति, सौहार्द और भाईचारा बनाए रखने को प्राथमिकता दें। उन्होंने कहा कि इस्लाम शांति का प्रतीक है और हर किसी को प्रदेश की अमन-चैन को बरकरार रखने के लिए सहयोग करना चाहिए।

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CG Bulletin Desk1

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