छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक विधानसभा से पारित, कर्मचारियों और संस्थानों को बड़ी राहत

रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा से दुकान एवं स्थापना (संशोधन) विधेयक पारित हो गया है। यह विधेयक श्रम कानूनों में अहम बदलाव लाते हुए छोटे संस्थानों, कर्मचारियों और खासतौर पर महिला कर्मियों के लिए कई नई सुविधाओं और छूट का रास्ता खोलता है। सरकार का कहना है कि यह संशोधन बदलते कार्य परिवेश और आधुनिक जरूरतों को ध्यान में रखकर किया गया है।
संशोधित विधेयक के तहत अब 20 कर्मचारियों तक वाले संस्थानों को पंजीयन (रजिस्ट्रेशन) की अनिवार्यता से छूट दी गई है। इससे छोटे व्यापारियों और उद्यमियों को बड़ी राहत मिलेगी और उन्हें अनावश्यक कानूनी प्रक्रियाओं से छुटकारा मिलेगा। सरकार का मानना है कि इससे व्यापार करना आसान होगा और स्वरोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।महिला कर्मचारियों के लिए भी इस विधेयक में महत्वपूर्ण प्रावधान किए गए हैं। अब महिलाओं को नाइट ड्यूटी में लगाने का रास्ता साफ हो गया है। महिलाएं सेल्फ डिक्लेरेशन भरकर अपनी सहमति से नाइट शिफ्ट में कार्य कर सकेंगी। सरकार ने इसे महिला सशक्तिकरण और रोजगार के नए अवसरों से जोड़कर देखा है, हालांकि सुरक्षा और सुविधाओं को सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी नियोक्ताओं पर रहेगी।
विधेयक में कार्य समय को लेकर भी बदलाव किया गया है। अब कर्मचारी दिन में 9 घंटे की जगह 10 घंटे तक काम कर सकेंगे। इसके साथ ही ओवरटाइम की अवधि को भी बढ़ा दिया गया है, जिससे उद्योग और संस्थानों को कार्य प्रबंधन में अधिक लचीलापन मिलेगा।
सरकार का कहना है कि यह संशोधन श्रमिकों के अधिकारों और संस्थानों की जरूरतों के बीच संतुलन स्थापित करेगा। वहीं विपक्ष की ओर से इस पर निगरानी और श्रमिक हितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग भी उठाई गई है।
छत्तीसगढ़ दुकान एवं स्थापना संशोधन विधेयक के पारित होने से राज्य में श्रम कानूनों के क्रियान्वयन में बड़ा बदलाव आने की संभावना है, जिसका असर व्यापार, रोजगार और कार्य संस्कृति पर साफ तौर पर देखने को मिलेगा।





