कैग रिपोर्ट में बड़ा खुलासा, छत्तीसगढ़ में PM योजना में भारी गड़बड़ी, अपात्रों को मिला लाभ, जमीन बिना भुगतान, 230 करोड़ का फंड रहा ब्लॉक

रायपुर। छत्तीसगढ़ में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण) के क्रियान्वयन में बड़े पैमाने पर अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। यह खुलासा मार्च 2023 तक की अवधि के लिए तैयार भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में हुआ, जिसे विधानसभा में प्रस्तुत किया गया।
कैग रिपोर्ट के अनुसार रायपुर, बिलासपुर, कोरबा और प्रेमनगर में नियमों का उल्लंघन कर आवासों का आवंटन किया गया। रिपोर्ट में बताया गया कि 71 हितग्राही ऐसे पाए गए जिनकी वार्षिक आय 3 लाख रुपये से अधिक थी, इसके बावजूद उन्हें योजना का लाभ दिया गया। वहीं 250 हितग्राहियों के नाम पर जमीन ही नहीं थी, फिर भी उन्हें योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया।
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 99 हितग्राहियों ने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी व ग्रामीण) दोनों का लाभ लिया, जबकि 35 हितग्राही पहले से ही योजना का लाभ ले चुके थे। शहरी निकायों द्वारा समय पर मकान निर्माण न किए जाने से 230 करोड़ रुपये का फंड ब्लॉक हो गया। महिलाओं के नाम अधिक आवास स्वीकृत करने के निर्देशों के बावजूद केवल 50 प्रतिशत आवास ही महिलाओं के नाम पर स्वीकृत हुए। इसके अलावा गलत जियो-टैगिंग और दूसरे मकानों की तस्वीरें इस्तेमाल करने जैसी गंभीर गड़बड़ियाँ भी पाई गईं।
श्रम विभाग में भी अनियमितता
कैग की श्रम विभाग से जुड़ी ऑडिट रिपोर्ट में भी गड़बड़ी उजागर हुई है। असंगठित मजदूरों के कल्याण के लिए ₹229 करोड़ आवंटित किए गए थे, लेकिन केवल ₹210 करोड़ ही खर्च हो सके। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए ₹45 करोड़ के मुकाबले सिर्फ ₹21.5 करोड़ खर्च किए गए। असंगठित क्षेत्र के केवल 22 प्रतिशत श्रमिकों का ही पंजीकरण हो पाया। विवाह सहायता, साइकिल वितरण और औजार जैसी योजनाएं भी नियमित रूप से नहीं चलीं; रायपुर में 695 साइकिलें छह वर्षों तक वितरित नहीं हो सकीं।
अपात्रों को लाभ मिलने पर कार्यवाही होगी: डिप्टी CM अरुण साव
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा कि “जहां अपात्र लोगों को लाभ मिलने की पुष्टि होगी, वहां नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। इतने बड़े अभियान में यदि कहीं गड़बड़ी हुई है, तो उस पर निश्चित रूप से संज्ञान लिया जाएगा।
कैग रिपोर्ट को लेकर मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि कांग्रेस और भ्रष्टाचार एक-दूसरे के पर्याय हैं। पिछली सरकार में वही काम हुए जिनमें भ्रष्टाचार हो सके। विष्णुदेव साय सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही है।



