
रायपुर – छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित नागरिक आपूर्ति निगम (नान) घोटाले में बड़ी कार्रवाई हुई है। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पूर्व IAS अधिकारी अनिल टुटेजा और पूर्व नान प्रबंध निदेशक आलोक शुक्ला को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को कोर्ट ने 16 अक्टूबर 2025 तक ED की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने रद्द की अग्रिम जमानत
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दोनों आरोपियों की अग्रिम जमानत को रद्द कर दिया था। अदालत ने कहा था कि आरोप गंभीर हैं और जांच को प्रभावित करने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने आदेश दिया कि टुटेजा और शुक्ला को 4 सप्ताह के लिए ED की हिरासत में रखा जाए।
रायपुर से दिल्ली ले जाएगी टीम
जानकारी के मुताबिक, सोमवार सुबह से ही दिल्ली से आई ED की टीम रायपुर में डेरा डाले हुई थी। अब जल्द ही दोनों आरोपियों को पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया जाएगा।
क्या है नान घोटाला
नान घोटाला 2015 में सामने आया था, जब ACB और EOW ने छापेमारी की थी। आरोप है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत चावल, नमक व अन्य खाद्यान्न की खरीद में भारी अनियमितताएँ हुईं। घटिया क्वालिटी का सामान खरीदा गया और करोड़ों रुपए का दुरुपयोग किया गया। ED का दावा है कि इस घोटाले में अवैध कमाई को छिपाने और गवाहों को प्रभावित करने जैसी गतिविधियाँ भी शामिल हैं।
अगली सुनवाई और जांच : अब ED चार सप्ताह तक दोनों आरोपियों से पूछताछ कर घोटाले से जुड़े वित्तीय लेनदेन और कथित मनी लॉन्ड्रिंग की कड़ियों की जांच करेगा। इसके बाद अदालत में रिपोर्ट पेश की जाएगी।



