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छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की संख्या पर शुरू हुई कानूनी जंग

14 मंत्री बनाने के फैसले के खिलाफ कांग्रेस ने दायर की याचिका

रायपुर – छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंत्रियों की संख्या को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में हाल ही में 14 सदस्यीय मंत्रिमंडल का गठन किया गया। जबकि अब तक प्रदेश में 13 मंत्री ही बनाए जाते रहे हैं। हरियाणा फार्मूले के आधार पर भाजपा सरकार ने पहली बार एक अतिरिक्त मंत्री को शामिल किया, जिस पर अब सियासत गरमा गई है। कांग्रेस ने इस फैसले को असंवैधानिक बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने याचिका में सवाल उठाया है कि 90 सदस्यीय विधानसभा में 14 मंत्री बनाए जाने के लिए क्या केंद्र सरकार से अनुमति ली गई है और क्या इसके लिए कोई आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी हुआ है। इससे पहले भी एक सामाजिक कार्यकर्ता ने इस मामले में याचिका दायर की थी। यानी अब तक इस विषय पर हाईकोर्ट में दो याचिकाएं लंबित हैं।

कांग्रेस बनाम भाजपा आमने-सामने

सुशील आनंद शुक्ला, याचिकाकर्ता: “सरकार ने संवैधानिक प्रावधानों की अनदेखी की है, इसलिए हमें कोर्ट का दरवाजा खटखटाना पड़ा।”

भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री: “जब हमारी सरकार थी तब भी भाजपा ने मंत्रियों की संख्या को लेकर सवाल उठाए थे, आज वही भाजपा नियमों को ताक पर रखकर अतिरिक्त मंत्री बना रही है।”

अरुण साव, उपमुख्यमंत्री: “सभी संवैधानिक प्रक्रियाओं का पालन किया गया है। हरियाणा में लगातार 14 मंत्री बनाए जाते रहे हैं। कांग्रेस को हर निर्णय में राजनीति ही दिखाई देती है, क्योंकि उसे संविधान पर भरोसा नहीं है।”

आगे की राह

राजनीतिक गलियारों में माना जा रहा है कि हाईकोर्ट के फैसले से ही इस मामले की अंतिम स्थिति स्पष्ट होगी। दिलचस्प यह भी है कि कांग्रेस की सरकार में भी 14 मंत्री बनाने की कवायद की कोशिशें हुई थीं, लेकिन अब विपक्ष में रहते हुए वही कांग्रेस इस फैसले को अदालत में चुनौती दे रही है। फिलहाल यह तय है कि आने वाले दिनों में छत्तीसगढ़ की राजनीति में मंत्रियों की संख्या का मुद्दा एक बार फिर बड़े सियासी टकराव की वजह बनेगा।

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CG Bulletin Desk1

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