छत्तीसगढ़ में नक्सली हथियार छोड़ने को तैयार! डिप्टी सीएम विजय शर्मा बोले- वायरल लेटर की सत्यता की जांच जरूरी

जगदलपुर/रायपुर – छत्तीसगढ़ को नक्सलमुक्त बनाने के लक्ष्य को लेकर राज्य और केंद्र सरकार के सुरक्षाबलों का ताबड़तोड़ अभियान जारी है। इसी बीच माओवादी संगठन की ओर से शांति वार्ता की पहल किए जाने का दावा सामने आया है। संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता अभय के नाम से जारी एक कथित पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें नक्सलियों ने सरकार के साथ बातचीत की इच्छा जताई है।
पत्र में प्रवक्ता अभय ने लिखा है कि संगठन हथियार छोड़कर जनसमस्याओं पर राजनीतिक दलों और सामाजिक संस्थाओं के साथ काम करने का इच्छुक है। साथ ही संगठन ने सरकार से एक महीने के लिए सीजफायर की मांग की है, ताकि वे अपने शीर्ष नेतृत्व से सलाह-मशविरा कर औपचारिक वार्ता की प्रक्रिया आगे बढ़ा सकें। पत्र में कहा गया है कि “हम विकास और शांति चाहते हैं, इसलिए सरकार को हमसे संवाद स्थापित करना चाहिए।”
नक्सल संगठन का दावा है कि मार्च 2025 से ही वह गंभीरता के साथ शांति वार्ता के प्रयास कर रहा है। हालांकि, सुरक्षा बलों की कार्रवाई लगातार जारी रहने से अब तक बातचीत की दिशा तय नहीं हो पाई। पत्र में मई महीने में गुंडेकोट (माड़) के पास हुई मुठभेड़ का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि उस दौरान पार्टी के महासचिव बसवाराजू सहित 28 नक्सली मारे गए थेl
पत्र के सार्वजनिक होने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने सरकार का पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “इस पत्र की प्रामाणिकता की जांच कराई जाएगी। इस तरह के पत्र पहले भी सामने आ चुके हैं। ऑपरेशन जारी रहेगा। नक्सली अगर बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो सरकार उनका स्वागत करेगी। आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए कई योजनाएं पहले से चल रही हैं।”
सरकार की ओर से यह भी साफ किया गया है कि शांति वार्ता तभी संभव होगी जब नक्सली हथियार छोड़कर लोकतांत्रिक व्यवस्था पर भरोसा जताएं।
पत्र के सार्वजनिक होने के बाद गृहमंत्री विजय शर्मा ने सरकार का पक्ष स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “इस पत्र की प्रामाणिकता की जांच कराई जाएगी। इस तरह के पत्र पहले भी सामने आ चुके हैं। ऑपरेशन जारी रहेगा। नक्सली अगर बंदूक छोड़कर मुख्यधारा में लौटना चाहते हैं तो सरकार उनका स्वागत करेगी। आत्मसमर्पण और पुनर्वास के लिए कई योजनाएं पहले से चल रही हैं।”


