बस्तर बंद का असर: कांग्रेस नेता की संदिग्ध मौत की जांच को लेकर आदिवासी समाज का आक्रोश

डिप्टी सीएम साव बोले मामले की जांच होगी
जगदलपुर। चारामा के कांग्रेस नेता की जेल में हुई संदिग्ध मौत के विरोध में सर्व आदिवासी समाज द्वारा बस्तर संभाग में किए गए बस्तर बंद का असर देखने को मिला। मंगलवार सुबह से ही बाजार, परिवहन और व्यवसायिक गतिविधियाँ प्रभावित रहीं। कई क्षेत्रों में दुकानें पूरी तरह बंद दिखाई दीं, वहीं स्थानीय लोगों द्वारा शांतिपूर्ण तरीके से बंद को सफल बनाने की अपील की गई।
बस्तर बंद को बस्तर चेंबर ऑफ कॉमर्स सहित कई सामाजिक संगठनों ने समर्थन दिया है। आदिवासी समाज की प्रमुख मांग है कि इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच के लिए विशेष जांच आयोग का गठन किया जाए, ताकि घटना की वास्तविकता सामने आ सके। समाज के प्रतिनिधियों का कहना है कि जेल में हुई मौत ने कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जिनका जवाब सरकार को देना होगा।
इधर बंद के बीच डिप्टी सीएम अरुण साव ने मामले पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि राज्य सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मामले की जांच कराई जाएगी और अगर कोई दोषी पाया जाता है, तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन ने बंद के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी है। पुलिस बल की तैनाती संवेदनशील स्थानों पर की गई है, ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटा जा सके।फिलहाल बस्तर संभाग में हालात शांतिपूर्ण हैं, लेकिन मामले की जांच को लेकर लोगों की नजरें सरकार पर टिकी हुई हैं।




