
रायपुर। विजयदशमी के पावन पर्व पर, जब पूरे छत्तीसगढ़ में बुराई के प्रतीक रावण का दहन हो रहा था, तभी भरतपुर-सोनहत विधानसभा क्षेत्र में यह उत्सव एक सियासी जंग में बदल गया। स्थानीय विधायक और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह ने सोनहत में आयोजित रावण दहन कार्यक्रम में कहा – “सरकार में भी रावण है और समाज में भी रावण रहते हैं, लेकिन रावण के अंत का संकल्प लेना पड़ता है।”उनका यह बयान इलाके की राजनीति में भूचाल ला दिया है।
कमरो का तीखा पलटवार
पूर्व विधायक गुलाब कमरो ने इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और तीखे सवाल दागते हुए इसे राजनीतिक छलावा करार दिया।
“दीदी, अगर सरकार में रावण है तो बताइए वो कौन है जो जनता का हक निगल रहा है? समाज का दर्जा ऊंचा है, समाज के बारे में ऐसी टिप्पणी गलत है। अगर समाज में आपको रावण दिखता है तो बताइए, किसके संरक्षण में पल रहा है वो रावण?”
कमरो ने रेणुका सिंह के बयान को सीधे भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए सवाल उठाया कि क्या विधायक किसी सत्ता में बैठे ‘दस सिर वाले रावण’ की तरफ इशारा कर रही हैं? उन्होंने चुनौती दी –“दीदी, तीर चलाया है तो नाम भी बताइए… वरना जनता इसे सिर्फ छलावा ही मानेगी।”
सियासी तापमान बढ़ा
विजयदशमी पर जहां हर जगह रावण का पुतला दहन हुआ, वहीं भरतपुर-सोनहत की राजनीति में ‘सियासी रावण’ ने माहौल गरमा दिया है। अब नज़रें इस बात पर हैं कि रेणुका सिंह अपने बयान पर क्या प्रतिक्रिया देती है।




