छत्तीसगढ़ में ‘स्टेयरिंग छोड़ो आंदोलन हो सकता है बेअसर, ट्रक मालिक संगठनों का समर्थन नहीं

रायपुर। छत्तीसगढ़ ड्राइवर महासंघ ने अपनी 11 सूत्रीय मांगों को लेकर शनिवार से ‘स्टेयरिंग छोड़ो, चक्का जाम आंदोलन’ शुरू कर दिया है। संगठन ने सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, यह आंदोलन जारी रहेगा।
आंदोलन की शुरुआत में ड्राइवरों ने सड़कों पर जाम लगाने की कोशिश की, लेकिन पुलिस की समझाइश के बाद वे सड़क किनारे धरने पर बैठ गए। राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में इसका असर दिखने लगा है।ड्राइवर महासंघ की प्रमुख मांगों में प्रदेश में पूर्ण शराबबंदी लागू करने, ड्राइवर आयोग और वेलफेयर बोर्ड का गठन, कमर्शियल लाइसेंस पर बीमा की व्यवस्था, दुर्घटना में मृत्यु पर ₹10 लाख और अपंगता की स्थिति में ₹5 लाख मुआवजा देने की मांग शामिल है। इसके अलावा चालक हेल्थ कार्ड, 55 वर्ष की आयु पूरी होने पर पेंशन, ड्राइवरों के बच्चों को शिक्षा और नौकरी में आरक्षण, सभी जिलों में ड्राइवर स्मारक निर्माण तथा ड्राइवरों के साथ लूट या मारपीट की घटना पर 5 वर्ष तक की कठोर सजा का प्रावधान जैसी मांगें भी रखी गई हैं।
ड्राइवर महासंघ ने दावा किया है कि इस हड़ताल को प्रदेशभर के 50 से 60 हजार ड्राइवरों का समर्थन मिला है। आंदोलन के कारण परिवहन और आपूर्ति व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो सकती है। ईंधन, निर्माण सामग्री और जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति पर संकट के आसार जताए जा रहे हैं।

ट्रक मालिक संगठनों ने हड़ताल से किया किनारा
दूसरी ओर, ट्रक मालिक संगठनों ने इस हड़ताल से किनारा कर लिया है। संगठन की अपील में कहा गया है 25 अक्टूबर को महासंघ की ओर से बुलाए गए बंद में ट्रक मालिक संगठनों का कोई समर्थन नहीं है। अगर कोई ड्राइवर हाईवे पर ट्रकों को रोकने की कोशिश करता है तो तत्काल 112 पर पुलिस को सूचना दें।


पुलिस ने भी स्पष्ट किया है कि जबरन वाहन रोकने या तोड़फोड़ की स्थिति में सख्त कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सरकार की ओर से इस आंदोलन को लेकर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। लेकिन स्थिति लंबी खिंचने पर आम जनता और उद्योगों को इसका सीधा असर झेलना पड़ सकता है।


