छत्तीसगढ़

SIR फार्म जमा करने की समयसीमा समाप्त, प्रदेश में 27 लाख वोटरों के नाम कटने की संभावना

ड्राफ्ट सूची पर टिकी निगाहें, 1–2 दिन में जारी हो सकती है सूची

रायपुर। छत्तीसगढ़ में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के तहत मतदाता सत्यापन की प्रक्रिया का अहम चरण पूरा हो चुका है। बीती रात 12 बजे तक SIR फार्म जमा करने की अंतिम समय सीमा समाप्त हो गई है। अब प्रदेशभर की नजरें निर्वाचन आयोग द्वारा जारी की जाने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची पर टिकी हुई हैं, जिससे यह साफ होगा कि कितने मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं।

उपलब्ध जानकारियों के अनुसार, प्रदेश में 27 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम सीधे तौर पर कटने की संभावना है। इनमें वे मतदाता शामिल हैं, जिनकी मृत्यु हो चुकी है, जो स्थायी रूप से अन्य स्थानों पर स्थानांतरित हो गए हैं, जिनके नाम एक से अधिक जगह दर्ज पाए गए हैं, या फिर जिनसे BLO सत्यापन के दौरान संपर्क नहीं हो पाया। इन मामलों में नाम कटना लगभग तय माना जा रहा है।

जिलेवार संभावित कटौती

रायपुर: करीब 5 लाख
दुर्ग: 2 लाख से अधिक
बिलासपुर: करीब 1.5 लाख
बलौदाबाजार-भाटापारा: करीब 1.25 लाख
कोरबा: 1.25 लाख से अधिक
महासमुंद: 90 हजार से अधिक
रायगढ़: करीब 80 हजार

इसके अलावा, करीब 6.5 लाख ऐसे मतदाता भी चिन्हित किए गए हैं, जिन्होंने SIR फार्म तो जमा किया है, लेकिन 2003 की SIR सूची में उनका या उनके माता-पिता/परिजनों का नाम दर्ज नहीं है। इन मतदाताओं को निर्वाचन आयोग की ओर से नोटिस जारी किया जाएगा, जिसके बाद उन्हें दस्तावेज प्रस्तुत कर अपनी पात्रता और पहचान साबित करने का अवसर मिलेगा। तय समय में आवश्यक दस्तावेज नहीं देने पर इनके नाम भी हटाए जा सकते हैं।

इस श्रेणी में रायपुर में करीब 1.30 लाख, बिलासपुर में 1 लाख से अधिक, जबकि कोरबा और दुर्ग में लगभग 40-40 हजार संदिग्ध मतदाता सामने आए हैं।

प्रदेश में कुल 2 करोड़ 12 लाख मतदाता दर्ज हैं। अनुमान के अनुसार, कुल 33 से 34 लाख मतदाताओं के नाम कट सकते हैं, जो लगभग 15.5 प्रतिशत है। निर्वाचन आयोग की पहली ड्राफ्ट सूची 1–2 दिनों में जारी होने की संभावना है, जिसके बाद दावे-आपत्तियों की प्रक्रिया शुरू होगी।

पात्र लोगों का नाम नहीं कटेगा – अरुण साव

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कहा कि सत्यापन के दौरान यह सामने आया है कि कई ऐसे मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज थे, जिनकी मृत्यु काफी पहले हो चुकी है। इसके अलावा, कई लोग दूसरे शहरों या दूसरे राज्यों में स्थायी रूप से शिफ्ट हो चुके हैं, बावजूद इसके उनके नाम पुराने पते की मतदाता सूची में बने हुए थे। ऐसे अनेक मामले सामने आने के बाद मतदाता सूची को शुद्ध और अद्यतन करना जरूरी हो गया था।उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पूरी प्रक्रिया किसी को वंचित करने के लिए नहीं, बल्कि मतदाता सूची को त्रुटिरहित बनाने के उद्देश्य से की जा रही है। डिप्टी सीएम ने कहा कि दावा-आपत्ति की प्रक्रिया के लिए पर्याप्त समय दिया जा रहा है, ताकि किसी भी पात्र नागरिक का नाम गलत तरीके से न हटे।

अरुण साव ने यह भी भरोसा दिलाया कि प्रारंभिक ड्राफ्ट मतदाता सूची में जिनका नाम छूट जाएगा, उन्हें भी दस्तावेज जमा कर अपना नाम दोबारा जुड़वाने का पूरा अवसर मिलेगा। निर्वाचन आयोग की ओर से ऐसे मतदाताओं को आवश्यक सूचना दी जाएगी और तय प्रक्रिया के तहत आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

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CG Bulletin Desk1

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