
नए छत्तीसगढ़ की झलक देख पीएम मोदी हुए प्रभावित
एकता नगर (गुजरात)। सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित एकता परेड 2025 में छत्तीसगढ़ की झांकी ने सबका दिल जीत लिया। “बस्तर की धरती – संस्कृति, सृजन और प्रगति की गाथा” थीम पर आधारित यह झांकी जनजातीय जीवन, परंपरा और विकास की जीवंत झलक बनकर उभरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झांकी का अवलोकन किया और इसकी कलात्मकता व संदेश की सराहना की। प्रधानमंत्री के सामने प्रदर्शित इस झांकी ने अपने सौंदर्य और प्रतीकात्मक प्रस्तुतीकरण से दर्शकों का ध्यान खींच लिया।
बस्तर की परंपरा और विकास की कहानी एक साथ
झांकी के अग्रभाग में माड़िया जनजाति के कलाकारों ने पारंपरिक गौर नृत्य प्रस्तुत किया, जिसने बस्तर की सामूहिकता और लोक उल्लास को सजीव कर दिया। पास ही रखी पारंपरिक तुरही और नंदी की प्रतिमा ने स्थानीय आस्था और शिव उपासना की गहराई को दर्शाया। झांकी के मध्य भाग में बस्तर के विकास की यात्रा दिखाई गई जो कभी नक्सलवाद से प्रभावित था, अब शिक्षा, सड़क, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में नई पहचान बना रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में विकास की गूंज अब बंदूकों की आवाज़ को बदल चुकी है।


महिला सशक्तिकरण और ढोकरा कला का अद्भुत संगम
झांकी के अंतिम भाग में टोकरी लिए महिला की प्रतिमा बस्तर की श्रमशील और सृजनशील स्त्री शक्ति का प्रतीक बनी। पूरे मॉडल को ढोकरा कला से सजाया गया था, जिसने बस्तर के शिल्पकारों की परंपरागत कुशलता को दर्शाया। झांकी ने दिखाया कि बस्तर अब सिर्फ़ अपनी लोकसंस्कृति के लिए नहीं, बल्कि विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य और आत्मनिर्भरता की नई कहानी के लिए भी जाना जा रहा है। गाँवों में सड़कें, बिजली और इंटरनेट पहुँचने से नई आशाएँ जगी हैं और युवाओं में आगे बढ़ने का जोश दिख रहा है।
देशभर से चुनी गईं सर्वश्रेष्ठ झांकियाँ
इस वर्ष एकता परेड के लिए झांकियों का चयन गृह सचिव की अध्यक्षता में गठित उच्चस्तरीय समिति ने किया।अंतिम सूची में छत्तीसगढ़, एनएसजी, एनडीआरएफ, अंडमान-निकोबार द्वीप, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, महाराष्ट्र, मणिपुर, पुद्दुचेरी और उत्तराखंड की झांकियाँ शामिल रहीं।




