छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ : छह जलाशय बनेंगे रामसर साइट, गंगरेल-गिधवा परसदा और मांढर जलाशय को मिलेगा अंतरराष्ट्रीय दर्जा

बैठक में हुआ अहम निर्णय

राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की बैठक वन मंत्री केदार कश्यप की अध्यक्षता में अरण्य भवन में हुई। बैठक में वन प्रमुख श्रीनिवास राव, राज्य लघु वनोपज के प्रबंध संचालक अनिल साहू, मत्स्य विभाग के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में वन मंत्री केदार कश्यप ने राज्य के सभी जिलों की जिला वेटलैंड संरक्षण समितियों को अपने अपने क्षेत्रों में वेटलैंड के संरक्षण और संवर्धन के स्पष्ट दिशा निर्देश जारी करने के निर्देश दिए है।

वन मंत्री कश्यप ने कहा

1002930214 removebg previewरामसर साइट के लिए छत्तीसगढ़ के 6 जलाशयों को चिन्हित किया गया है। इससे न केवल पर्यावरणीय संतुलन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि प्रवासी पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं के संरक्षण में भी मदद मिलेगी। इन जलाशयों के संरक्षण और विकास से आसपास के वनवासी समुदायों की आय में भी बढ़ोतरी होगी। इको-टूरिज्म, बर्ड वॉचिंग और अन्य गतिविधियां स्थानीय रोजगार का नया अवसर बनेंगी।”

पक्षियों का स्वर्ग बनेंगे छत्तीसगढ़ के जलाशय

अफसरों के मुताबिक, चुने गए इन छह जलाशयों पर हर साल हजारों प्रवासी पक्षी अलग-अलग देशों और राज्यों से पहुंचते हैं। इनमें साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर व्हाइट फ्रंटेड गूज, रेड क्रेस्टेड पोंचर्ड, कॉमन टील और कॉर्मोरेंट जैसी कई प्रजातियां देखी गई हैं।

राज्य वेटलैंड प्राधिकरण की बैठक में अपर मुख्य सचिव वन ऋचा शर्मा ने बताया कि अब विस्तृत सर्वे और डॉक्यूमेंटेशन कराया जाएगा। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन जलाशयों में कितनी किस्म के पक्षी आते हैं और उनकी संख्या कितनी है। इसके आधार पर केंद्र सरकार को औपचारिक प्रस्ताव भेजा जाएगा।

रामसर साइट क्या है?

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CG Bulletin Desk1

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