
रायपुर – राजधानी में अर्बन नक्सली नेटवर्क के लगातार भंडाफोड़ का सिलसिला जारी है। तीन दिन पहले नक्सली दंपति की गिरफ्तारी के बाद अब स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) ने भाठागांव इलाके से एक और नक्सली रामा किचाम को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार नक्सली के कब्जे से सोने के बिस्कुट और नगदी रकम बरामद की गई है। पुलिस ने नक्सली किचाम को कोर्ट में पेश कर न्यायिक रिमांड पर लिया है। अब तक गिरफ्तार हुए नक्सलियों से पूछताछ में बड़े खुलासे हो सकते है। बताया जा रहा है कि रामा कोरबा की खदान में मजदूर के रूप में काम कर रहा था,और उसका संपर्क बीते दिनों रायपुर से गिरफ्तार किए गए नक्सली दंपत्ति के साथ था।
अर्बन नेटवर्क पर शिकंजा
लगातार सामने आ रही गिरफ्तारियां इस ओर इशारा करती हैं कि नक्सली संगठन राजधानी में अपना वित्तीय और सप्लाई नेटवर्क खड़ा कर चुके है। सोना और नकदी की बरामदगी से इस नेटवर्क की आर्थिक जड़ों का खुलासा हो रहा है। हालांकि SIA और अन्य सुरक्षा एजेंसियां रायपुर सहित शहरी क्षेत्रों में सक्रिय नक्सलियों पर शिकंजा कंस रही हैं।
जानिए क्या होता है अर्बन नक्सल
अर्बन नक्सल उन लोगों को कहा जाता है, जो शहरों में रहते हुए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से माओवादी संगठन की मदद करते हैं। 2004 में सीपीआई (माओवादी) के गठन के बाद आंदोलन ने अपनी पकड़ सिर्फ जंगलों तक सीमित नहीं रखी, बल्कि शहरी क्षेत्रों में भी फैलाने की रणनीति बनाई। इसी साल जारी संगठनात्मक दस्तावेज़ “अर्बन पर्सपेक्टिव” में स्पष्ट रूप से कहा गया था कि माओवादी संगठन शहरों में अपनी जड़ें मजबूत करना चाहता है, ताकि शहरी नेटवर्क के जरिए ग्रामीण संघर्ष को मजबूत किया जा सके।
ये काम करते है शहरी नक्सली
| विचारधारा का प्रसार करना |
| युवाओं को नक्सली आंदोलन से जोड़ना |
| फंड और लॉजिस्टिक सपोर्ट जुटाना |
| गिरफ्तार नक्सलियों को कानूनी मदद उपलब्ध कराना |




