कोल लेवी घोटाले में ED का आया पत्र, 10 वरिष्ठ IAS-IPS पर कार्रवाई की सिफारिश

रायपुर – छत्तीसगढ़ के 570 करोड़ रुपये के कोयला लेवी घोटाले ने अब नया रंग लिया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर 10 वरिष्ठ आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत कठोर कार्रवाई की सिफारिश की है। यह पत्र मुख्य सचिव और आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को भेजा गया है, जिससे जांच को और गति मिलने की संभावना है।
ईडी की जांच में सामने आया है कि कोयला परिवहन पर लगने वाली लेवी में बड़े पैमाने पर हेराफेरी हुई। आरोप है कि ऑनलाइन कोल परमिट को जानबूझकर ऑफलाइन मोड में बदला गया, जिससे अवैध वसूली का रास्ता खुला। इस घोटाले से राज्य को 570 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। ईडी का कहना है कि यह सुनियोजित साजिश थी, जिसमें वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। अब तक 36 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है, और अब नौकरशाही पर कार्रवाई की बारी है। इस मामले में निलंबित आईएएस समीर विश्नोई, रानू साहू, सौम्या चौरसिया, अनिल टूटेजा और सूर्यकांत तिवारी पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं। सूर्यकांत तिवारी को घोटाले का सरगना माना जा रहा है। सौम्या चौरसिया, जो पूर्व मुख्यमंत्री के करीबी थीं, को दिसंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी है। रानू साहू, 2010 बैच की आईएएस को जुलाई 2023 में गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया गया था। समीर विश्नोई और अनिल टूटेजा भी जेल से रिहा हो चुके हैं, लेकिन जांच अब भी जारी है।
ईडी के पत्र में शामिल 10 अधिकारियों के नाम गोपनीय हैं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि ये वे नौकरशाह हैं, जिन्होंने कोल परमिट प्रक्रिया में गड़बड़ी की। यह घोटाला खास तौर पर कांग्रेस शासनकाल (2018-2023) में पनपा, जब कोयला व्यापार पर अवैध लेवी वसूली का नेटवर्क चला। ईडी ने कस्टम मिलिंग घोटाले में भी छापे मारे, जिससे बड़े व्यापारिक समूह प्रभावित हुए। राज्य सरकार ने ईडी की सिफारिश पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है।



